भाजपा के भव्य बिश्नोई, इनेलो के कुरडाराम और आम आदमी पार्टी के सतेंद्र सिंह हैं पुराने कांग्रेसी
जन सरोकार ब्यूरो | आदमपुर
आगामी 3 नवंबर को आदमपुर में उपचुनाव है। गठबंधन सरकार के अलावा सभी विपक्षी दलों ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। भाजपा के भव्य बिश्नोई और आम आदमी पार्टी के सतेंद्र सिंह नामांकन पत्र भी भर चुके हैं तथा इनेलो के कुरडाराम और कांग्रेस के जेपी कल अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। आदमपुर के इस उपचुनाव में खास बात यह है कि चारों पार्टियों भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और आम आदमी पार्टी ने जिन भी नेताओं को टिकट देकर रण में उतारा है वे सभी पुराने कांग्रेसी हैं। इनमें से तीन उम्मीदवार तो ऐसे हैं जो कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं।
तीन बार सांसद रह चुके हैं जेपी, 2009 में लड़ा था चुनाव
कांग्रेस पार्टी ने आदमपुर उपचुनाव के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी को मैदान में उतारा है। जेपी तीन बार सांसद रहे चुके हैं तथा केंद्र में पेट्रोलियम मंत्री भी रहे हैं। जेपी ने कांग्रेस पार्टी की टिकट पर 2009 में आदमपुर में चुनाव लड़ा था उस समय कुलदीप बिश्नोई अपनी पार्टी हजका से प्रत्याशी थी। जेपी कुलदीप से चुनाव हार गए थे। अब जेपी का मुकाबला कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई से है।
भव्य को हिसार लोकसभा में मिले थे 1.84 लाख वोट
भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ रहे कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई का परिवार पुराना कांग्रेसी है। भव्य के दादा चौधरी भजनलाल साढ़े 12 साल तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। भव्य के पिता कुलदीप हिसार और भिवानी से सांसद रह चुके हैं। भव्य ने कांग्रेस की टिकट पर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था तथा उन्हें 1.84 लाख वोट मिले थे।
2014 में कांग्रेस की टिकट पर लड़े थे सतेंद्र सिंह
आदमपुर उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सतेंद्र सिंह ने 2014 का विधानसभा आमचुनाव कांग्रेस पार्टी की टिकट पर लड़ा था। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई के कांग्रेस में आने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन की और 2019 के आम चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिली। अब कुलदीप के भाजपा में आने के बाद सतेंद्र ने भाजपा छोड़ दी और आम आदमी पार्टी ज्वाइन की।
किसान नेता कुरडाराम हैं पुराने कांग्रेसी
कांग्रेस छोड़कर आज ही इनेलो शामिल हुए कुरडाराम नंबरदार को पार्टी ने 2 घंटे में ही टिकट दे दिया। कुरडाराम पुराने कांग्रेसी हैं तथा किसान आंदोलन में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में जाने के बाद वे कांग्रेस की टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने जेपी को टिकट दे दिया।