कोरोना काल में कृषि क्षेत्र हुआ सबसे कम प्रभावित : प्रो. गोदारा
फतेहाबाद, 26 जून। मनोहर मैमोरियल पीजी कॉलेज फतेहाबाद में ‘ग्रामीण अर्थव्यवस्था और भारत में महामारी की गतिशीलता’ विषय पर ऑनलाइन विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। अर्थशास्त्र विभागाध्यक्षा डॉ. वनिता वशिष्ठ के निर्देशन में आयोजित इस विस्तार व्याख्यान में मुख्य अतिथि के तौर में प्रो. अभय गोदारा, चेयरपर्सन अर्थशास्त्र विभाग, चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा ने भाग लिया जबकि मुख्य वक्ता कृषि अर्थशास्त्री डॉ. दलबीर सिंह व एमएम कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास ने अपने विचार रखे। व्याख्यान के प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास ने अतिथियों का स्वागत किया और महामारी के दुष्परिणामों पर चर्चा की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. अभय गोदारा ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि क्षेत्र अधिकतम रोजगार व खाद्यान्न प्रदान करने वाला क्षेत्र है। उन्होंने महामारी का कृषि उत्पादन, कृषि उत्पादों की कीमत, कृषि उत्पादों के विपणन पर क्या-क्या प्रभाव पड़ा, के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में कृषि क्षेत्र ही एक ऐसा क्षेत्र था, जो सबसे कम प्रभावित हुआ। कोविड काल में भी कृषि उत्पादन पर ज्यादा असर नहीं था लेकिन सप्लाई चैन कुछ जरूर प्रभावित हुई थी। मुख्य वक्ता डॉ. दलबीर सिंह ने इस महामारी के उपरांत गांवों में कृषि, पशुधन व सांझे सम्पति संसाधनों पर पड़े प्रभावों बारे चर्चा की और बताया कि देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कैसे ठीक किया जा सकता है। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. सुमंगला वशिष्ठ द्वारा किया गया। अंत में अर्थशास्त्र विभागाध्यक्षा डॉ. वनिता वशिष्ठ द्वारा अतिथियों का धन्यवाद किया। इस विस्तार व्याख्यान की आयोजन समिति के सदस्य निहाल, नरेन्द्र माचरा व कम्प्यूटर विभागाध्यक्ष डॉ. विकेश सेठी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।