-2007 में बनाई थी हजकां, छह साल कांग्रेस में रहे सक्रिय
-पहले भी भाजपा के साथ मिला चुके हैं हाथ, भाजपा के अलावा कुलदीप के पास नहीं कोई ठोस विकल्प
-एक बार फिर से की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्ढा से मुलाकात
फतेहाबाद, 24 जुलाई। क्या कुलदीप बिश्रोई भाजपा में शामिल होंगे? क्या कुलदीप की विधानसभा सदस्यता रद्द होगी? कुलदीप का भावी सियासी कदम क्या होगा? यह सवाल इन दिनों राजनीतिक गलियारों में लगातार चर्चा में हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि कुलदीप अक्सर अपने फैसले लेने में देरी कर देते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें पहले भी भुगतना पड़ा है। खैर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य को देखें तो इस समय भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन की सरकार है तो कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। इसके अलावा इनैलो क्षेत्रीय दल के रूप में वापसी को लेकर संघर्ष कर रही है तो आम आदमी पार्टी हरियाणा में पांव जमाने की कोशिश में है। इस परिदृश्य के बीच कुलदीप बिश्रोई के पास भाजपा के अलावा कोई ठोस विकल्प नजर नहीं आता है। कांग्रेस उन्हें सभी पदों से पहले ही निष्कासित कर चुकी है। कांग्रेस के खिलाफ कुलदीप बिश्रोई न केवल बागी तेवर अपनाए हुए हैं, बल्कि वे लगातार कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा भी खोले हुए हैं। वैसे भी कुलदीप बिश्रोई पिछले करीब एक पखवाड़े में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर चुके हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि कुलदीप किसी भी वक्त भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में किया था वोट
10 जून को हुए राज्यसभा के चुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस के प्रत्याशी अजय माकन के पक्ष में वोट करने की बजाय क्रॉस वोट किया कुलदीप बिश्नोई ने आजाद उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में वोट किया। परिणाम यह हुआ कि कार्तिकेय शर्मा राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हो गए। इस पूरे घटनाक्रम के बाद कांग्रेस हाईकमान ने 11 जून को कुलदीप बिश्नोई को कांग्रेस के तमाम पदों से निष्कासित कर दिया। उसके बाद से ही लगातार कुलदीप बिश्नोई के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चाएं जारी है।
कांग्रेस, हजकां फिर कांग्रेस और अब क्या?
पिछले सप्ताह तो कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में शामिल हो जाने की चर्चा जोर शोर से चली फिलहाल कुलदीप बिश्नोई के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने को लेकर कई तरह के गतिरोध उनके आड़े आ रहे हैं। गौरतलब है कि हरियाणा में चौधरी भजनलाल लाल परंपरा के अहम किरदार रहे हैं वे तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे वर्तमान में उनके छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई उनकी राजनीतिक विरासत को संभाले हुए हैं। कुछ समय तक हरियाणा जनहित कांग्रेस के बैनर तले सियासत करने के बाद अब पिछले करीब 6 साल से कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय थे और पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की टिकट पर आदमपुर से विधायक निर्वाचित हुए थे।
कांग्रेस में बदलाव के बाद तेवर हुए थे बागी
कुछ समय पहले ही कांग्रेस हाईकमान की ओर से प्रदेश कांग्रेस में किए गए बड़े बदलाव के बाद कुलदीप बिश्नोई के तेवर बागी हो गए। कांग्रेस हाईकमान ने कुमारी शैलजा को प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के पद से हटाते हुए होटल के पूर्व विधायक उदयभान को कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया। इसके साथ ही 4 कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए। इस पूरे बदलाव से कुछ दिन पहले कुलदीप बिश्नोई कि राहुल गांधी के साथ मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के बाद कुलदीप बिश्नोई काफी संतुष्ट नजर आए थे, लेकिन कांग्रेस हाईकमान की ओर से किए गए बदलाव में कुलदीप बिश्नोई को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई खामोश नहीं रहे और उनके तेवर लगातार बगावती नजर आए। 10 जून को हुए राज्यसभा के चुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोट किया और कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन को एक वोट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा में जाने की राह नहीं है आसान
अब ऐसा माना जा रहा है कि कुलदीप बिश्नोई के सामने भारतीय जनता पार्टी में जाने के अलावा कोई ठोस विकल्प नहीं है कुलदीप बिश्नोई। इस कड़ी में भाजपा के कई बड़े राजनेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की नीति के अनुसार कुलदीप बिश्नोई के सामने कई तरह के गतिरोध और रुकावटें हैं सियासी गलियारों में यह चर्चा है कि कुलदीप बिश्नोई भाजपा में जाना चाहते हैं, लेकिन इसके साथ ही वह यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भाजपा की ओर से उन्हें आदमपुर से जबकि उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई को नलवा या हांसी से विधानसभा का टिकट मिले। इसके साथ ही वह अपने बेटे भव्य बिश्नोई के लिए हिसार लोकसभा से टिकट चाहते हैं। सियासी विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी पहले से ही यह रणनीति बना चुकी है कि एक परिवार से एक ही सदस्य को टिकट दी जाएगी। ऐसे में कुलदीप बिश्नोई की इस तरीके की शर्तें पूरी होती नजर नहीं आ रही है।
सोनाली फौगाट ने खोला कुलदीप के खिलाफ मोर्चा
वहीं कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं के बाद से ही आदमपुर से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुकी सोनाली फोगाट ने कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है सोनाली फोगाट लगातार अपने ही अंदाज में कुलदीप बिश्नोई पर लगातार तंज कस रही हैञ यही नहीं भारतीय जनता पार्टी के कुछ अन्य राजनेता भी लगातार कुलदीप बिश्नोई के भाजपा में शामिल होने का विरोध अंदरखाते जता रहे हैं। ऐसे में कुलदीप बिश्नोई के लिए भाजपा में ठोस तरीके से एंट्री करना मुमकिन नजर नहीं आता है।
नड्ढा से फिर की मुलाकात
वहीं कुलदीप बिश्रोई ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्ढा से एक बार फिर से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने नड्ढा के साथ मुलाकात की तस्वीर को ट्विटर पर पोस्ट किया और लिखा कि सरल व सहज़ व्यक्तित्व के धनी आदरणीय श्री जे.पी. नड्डा जी से आत्मीय भेंट की और वर्तमान राजनीतिक विषय पर चर्चा हुई नड्डा जी की सरलता और उनका सहज़ व्यक्तित्व उन्हें सच्चे जनसेवक की पहचान दिलाती है।