चंडीगढ़, 18 जुलाई। रेलवे का ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर प्लाईवुड और मेटल व्यापार की राह आसान करेगा। कम समय में उनका सामान गंतव्य पर पहुंचेगा। कोरिडोर का कार्य तेज गति से चल रहा है। अब व्यापारियों की मांग पर जगाधरी वर्कशाप में स्टेशन की स्वीकृति मिल चुकी है। यह फ्रेट कोरिडोर हरियाणा से भी होकर गुजरेगा। इससे यमुनानगर जिले अलावा राज्य के अन्य जिलों के व्यापारियों सहित उत्तर प्रदेश, हिमाचल के व्यापारियों को भी लाभ मिलेगा। दूसरे शब्दों में कहें तो उनके कारोबार को चार चांद लगेंगे। बता दें कि जिले में एक हजार प्लाईवुड इंडस्ट्री व 1200 छोटी-बड़ी मेटल ईकाईयां है। वहीं जिले में मशीनेें बनाने का काम भी होता है। फिलहाल, यमुनानगर के व्यापारी माल भेजने के लिए रेवाड़ी में वेस्टर्न फ्रेट कारिडोर पर शुरू हुए इनलैंड कंटेनर डिपो का सहारा ले रहे हैं। जहां रेलवे के माध्यम से 25 प्रतिशत माल यमुनानगर-जगाधरी के व्यापारियों का जाता है। वहां से केवल एक ट्रेन जाने से यमुनानगर से ज्यादा माल नहीं जा पा रहा, लेकिन यमुनानगर में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर पर इनलैंड कंटेनर डिपो बनने से 90 प्रतिशत माल रेलवे के माध्यम से गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल समेत अन्य राज्यों में समय पर पहुंचने लगेगा। जिससे समय और खर्च दोनों की बचत होगी। अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही रेलवे लाइन का काम पूरा होगा, वैसे ही कंटेनर डिपो भी शुरू हो जाएगा। यमुनानगर से अहमदाबाद अगर किसी गाड़ी में 30 टन माल भेजने पर खर्चा करीब 60 हजार रुपये आता है। रेवाड़ी से अहमदाबाद तक ले जाया जाए तो 45 हजार रुपये तक खर्च आएगा। इस तरह से काफी खर्चे व समय की बचत होती है। हरियाणा प्लाईवुड मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के वरिष्ठ प्रधान जेके भियानी व उप प्रधान सतीश चौपाल ने बताया कि यमुनानगर में कंटेनर डिपो बनने से रेलवे के माध्यम से माल जाएगा। इससे व्यापारी को खर्च की बचत होगी।
पश्चिम बंगाल के धनकुनी से लुधियाना तक 1856 किलोमीटर लंबा मालगाडय़िों के अलग ट्रैक के लिए ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर का निर्माण कार्य चल रहा है। जुलाई 2016 में काम शुरू हुआ था। कार्य पहले 2022 में पूरा होना था, लेकिन अब साल 2023 में पूरा होने की बात कही जा रही है। निर्माण के लिए अंबाला प्रोजेक्ट के अधीन पिलखनी से लुधियाना तक 175 किमी. लंबे ट्रैक का निर्माण होना है, जो काफी पूरा हो चुका है। कारिडोर पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा।लाइन पर मालगाडय़िां निरंतर चल सकें, इसलिए लाइन पर लेवल क्रॉसिंग नहीं होगी। जहां-जहां पर फाटक थे, उन पर अंडर और ओवरब्रिज बनाने का काम चल रहा है।