आरोपी ने पुलिस पर लगाए गम्भीर आरोप, बोला— पुलिस मंथली लेकर खुद करवाती है तस्करी
जन सरोकार ब्यूरो
चण्डीगढ़, 19 अक्तूबर। नशा तस्करों पर लगातार सख्ती दिखा रही हरियाणा सरकार लगातार तस्करों के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चला रही है। इससे तस्करों में भी खौफ है। आज रोहतक के खोखरकोट में नशा तस्कर के घर पर भी बुलडोजर चलाया गया। तीन मंजिला बने इस घर पर यह एक्शन प्रशासन द्वारा लिया गया।
इस दौरान आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए। जिसे नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस बल ने लोगों को नियंत्रित करने का प्रयास किया और पसीना बहाना पड़ा। उनके परिवार के लोगों ने एक बारगी खूब विरोध करने का प्रयास किया लेकिन उनका विरोध सफल नहीं हो पाया। पुलिस ने परिवार के लोगों को मौके से खदेड़ दिया। रोती-बिलखती महिलाओं व बच्चों के बीच ही मकान ध्वस्त किया। नशा तस्करी से जुडे लोगों में भय का माहौल बन गया है। प्रशासन की ओर से अभी कई और तस्करों के खिलाफ अभियान चलना बाकी है।
उधर, नशा तस्करी का आरोपी जोगेंद्र अपने मकान को टूटता देख खुद को रोक नहीं पाया। जिसके बाद उसने पुलिस पर मकान नहीं तोड़ने के लिए 5 दिन पहले ही 10 लाख रिश्वत लेने का आरोप लगाया। उसने कहा कि पुलिस वाले ही उस पर पहले नशीले पदार्थों की तस्करी करने का दबाव बनाते थे। वे मकान न तोड़ने की एवज में 10 लाख रुपए लेकर गए हैं।
3 मंजिला भवन को किया ध्वस्त
प्रशासन द्वारा पिछले काफी समय से नशा तस्करी में संलिप्त लोगों के अवैध मकानों पर पीला पंजा चलाया जा रहा है ताकि नशा तस्करी जैसे अपराधों की रोकथाम की जा सके। आरोपित के द्वारा खोखरा कोट में पुरातत्व विभाग की जमीन पर कब्जा करके तीन मंजिल मकान का निर्माण कर लिया गया था। जिस पर एक्शन लेते हुए नगर निगम व पुलिस प्रशासन की टीम ने संयुक्त तौर पर कार्रवाई करने का फैसला लिया। इसको देखते हुए बुधवार को प्रशासनिक अधिकारी व भारी पुलिस बल रोहतक खोखराकोट में में पहुंचा। जहां पर जोगेंद्र के 3 मंजिला मकान पर पीला पंजा चलाया।
मां-बेटा दोनों करते हैं तस्करी
पुलिस के अनुसार जोगेंद्र नशा तस्कर है और काफी समय से यही काम करता है। यहां तक कि उसकी मां भी नशा तस्करी में संलिप्त थी। नशा तस्करी के चलते वे जेल में भी जा चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी उनमें कोई सुधार नहीं आया। अभी भी वह नशा तस्करी में संलिप्त है। जबकि जोगेंद्र ने कहा कि वह अब नशा तस्करी छोड़ चुका है। जिला पुलिस के अनुसार जोगेंद्र के खिलाफ दर्जन भर से अधिक नशा तस्करी के मामले दर्ज हैं। जेल से जमानत पर आते ही आरोपित फिर इसी धंधे में संलिप्त हो जाता है।
पुलिस को 10 लाख रिश्वत देने का आरोप
जोगेंद्र ने आरोप लगाया कि पहले उसके घर पर नोटिस लगाकर गए थे। इसके बाद करीब पांच दिन पहले सीआईए-1 के कर्मचारियों सहित 4 पुलिस वालों ने उससे मकान को बचाने के लिए 10 लाख रुपए की मांग की थी। जिसके बाद उसने पुलिस वालों को 10 लाख रुपए दे दिए, लेकिन अब उसका मकान तोड़ने के लिए भी प्रशासन आ गया।
पुलिस खुद करवाती थी नशा तस्करी
जोगेंद्र ने आरोप लगाया कि उससे नशा तस्करी पुलिस वाले ही करवाते थे। इसके एवज में उससे डेढ़ लाख रुपए तक मंथली लेते थे। पुलिस वाले बोलते थे कि नशा तस्करी बिना डर के करो तुम्हें कुछ भी नहीं होने देंगे। साथ ही पुलिस की ताकत दिखाते हुए उससे मंथली रुपए लेते थे। अब करीब 7 माह से उसके यहां कोई भी नशा तस्करी नहीं करता।
पिता की कमाई के पैसों बनाया मकान
जोगेंद्र ने कहा कि यह मकान उन्होंने पिता की कमाई से बनाया है। उसके पिता ठेकेदार हैं और सड़कों के ठेके लेते थे। साथ ही उनके पास सुअर व भेड़ भी थे। उन्होंने मकान बनाने के लिए सुअरों व भेड़ों को बेच दिया। लेकिन अब प्रशासन ने उनके मकान को तोड़कर परिवार को बेघर कर दिया है।