बाॅम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने हिंदू विवाह अनधिनियम के धारा 13 का दिया हवाला
जन सरोकार | मुंबई
महाराष्ट्र की बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने फैसला सुनाया है कि यदि शादी के बाद भी पत्नी काम करना चाहे तो यह किसी प्रकार की क्रूरता नहीं है। इसको लेकर कोर्ट ने हिंदू विवाह एक्ट की धारा 13 का हवाला दिया है। यह निर्णय सुनाते हुए न्यायमूर्ति अतुल चंदुरकार और उर्मिला जोशी की खंडपीठ ने एक पति की तालाक की याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में पति ने कहा था कि उसकी पत्नी ने काम पर जाने के लिए उससे झगड़ा किया था और कहा था कि जब तक वह सुरक्षित नहीं हो जाती बच्चा पैदा नहीं करेगी। इस पर कोर्ट ने शुरूआत में कहा था कि पत्नी योग्य होने पर काम करने की इच्छा व्यक्त करना क्रूरता नहीं है। कोर्ट ने इस बात को भी खारिज किया है कि पत्नी ने पति की सहमति के बिना गर्भपात करवाया। अदालन ने टिप्पणी की है कि यह पत्नी का फैसला है कि वह गर्भावस्था को जारी रखना चाहती है या नहीं। बता दें कि ऐसे आरोपों के बाद पत्नी ने पति को छोड़ दिया था तथा इसके बाद पति ने उसे वापस लाने का कोई प्रयास नहीं किया। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि जलन और झुंझलाटह रिश्ता टूटने का सामान्य हिसा है यह किसी भी तरीके से क्रूरता नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने पति की याचिका को खारिज कर दिया।