फतेहाबाद, 31 जुलाई: मानसून में पहाड़ों और मैदानी इलाकों में लगातार हो रही भारी बरसात के बाद घज्घर नदी एक बार फिर से कहर बरपा सकती है। आने वाले दिनों में पंजाब के सरदूलगढ़, हरियाणा के फतेहाबाद और सिरसा जिला में घग्घर नदी उफान पर आ सकती है। हिमाचल प्रदेश से नदी में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इसके बाद पंचकूला में घग्घर नदी एकाएक उफान पर आ गई। गुहला-चीका में हिमाचल से पिछले दो दिन में करीब आठ हजार क्यूसिक पानी आया है। यह पानी एक-दो दिन में फतेहाबाद और सिरसा पहुंच सकता है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के पहाड़ी इलाके से इसका उद्गम है। शिवालिक पहाडिय़ों से यह नदी कालका से हरियाणा में प्रवेश करती है। इसके बाद पंजाब के मोहाली से अम्बाला, पटियाला, कैथल, संगरुर, फतेहाबाद, मानसा, सिरसा, हनुमानगढ़ और अनूपगढ़ से होते हुए पाकिस्तान तक जाती है। करीब 320 किलोमीटर लम्बी घग्घर नदी की समुद्र तल से ऊंचाई 1970 मीटर है। नदी जलग्रहण क्षेत्र में 27 कस्बे आते हैं जबकि 11 नाले हैं। सुखना नाला सबसे प्रमुख है। दरअसल घग्घर एक तरह से बरसाती नाला है। एक भारत और पाकिस्तान की इकलौती मौसमी नदी है। हिमाचल प्रदेश से इस नदी में पानी छोड़ा जाता है। इसके अलावा पंचकूला, चंडीगढ़, पटियाला शहरों का बरसाती पानी भी इस नदी में आता है। नहरी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस समय गुहला चीका में 10 हजार 780 क्यूसिक पानी है। दो दिन पहले गुहला-चीका में 1540 जबकि एक दिन पहले तीन हजार क्यूसिक पानी है। जाहिर है दो दिन में 8 हजार क्यूसिक पानी बढ़ गया है। आने वाले दिनो में और अधिक पानी हिमाचल से छोड़ा जा सकता है। इसके साथ ही मारकंडा नदी नदी भी उफान पर है। ऐसे में इस नदी का पानी भी घज्घर में छोड़ा जा सकता है। आजादी के बाद घग्गर नदी हरियाणा और पंजाब राज्यों में 14 बार कहर बरपा चुकी है। साल 2010 में आई बाढ़ के बाद हरियाणा के फतेहाबाद से लेकर सिरसा में हजारों एकड़ भूमि में खड़ी फसल तबाह हो गई थी। अनेक गांव पानी में डूब गए थे। इससे पहले नदी में साल 1976, 1981, 1984,1988, 1993, 1994, 1995, 1996, 1997, 2000, 2004, 2010 और 2015 में बाढ़ आ चुकी है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 1993, 1995, 2004 और 2010 में आई बाढ़ से पंजाब और हरियाणा की जनता को सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ा। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में घग्गर नदी का कुल 50000 वर्ग किलोमीटर केचमेंट एरिया है। हिमाचल के सिरमौर जिला में करीब 1490 मीटर ऊंची शिवालिक पहाडिय़ों से घग्गर नदी का उद्गम होता है। पाकिस्तान तक इस नदी की कुल लंबाई 646 किलोमीटर है। नदी का 70 फ़ीसदी से अधिक क्षेत्र पंजाब और हरियाणा में है। मानसून में तेज बारिश इस नदी को उफान पर ला देती है। पहाड़ों की बरसात के अलावा चंडीगढ़, पटियाला, पंचकूला सहित कई इलाकों का बरसाती पानी मौसमी नदी घग्गर में गिरता है। हिमाचल के सिरमौर में मानसून में लगभग 1100, चंडीगढ़ में 840, पंचकूला में 900 जबकि पटियाला में 550 मिलीमीटर होने वाली बरसात इस नदी को पानी से लबालब कर देती है। इसके अलावा पिछले दो दशक में पंजाब और हरियाणा में 1200 से अधिक पाइपलाइन बनी हैं। इन पाइपलाइंस के जरिए करीब 12 लाख हेक्टेयर भूमि को पानी मिलता है।
हिमाचल ने छोड़ा पानी, फिर उफान पर आएगी घग्घर
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