उपचुनाव में वीरवार को होने वाली वोटिंग में यह बात चुनावी नतीजों पर ना सिर्फ असर डालेगी बल्कि हार और जीत का अंतर भी तय करेगी कि पोलिंग कितने फीसदी होती है
जन सरोकार ब्यूरो।
आदमपुर।
आदमपुर विधानसभा में वीरवार को होने वाली वोटिंग में मतदान कितने फीसदी होता है, इस बात का असर चुनाव के नतीजों पर सीधा असर डालेगा। कई बड़े गांवों वाली आदमपुर विधानसभा में 1 लाख 71 हजार 473 वोट हैं। क्योंकि, चुनावी समीकरण बदले हुए हैं तथा अब सिर्फ भाजपा और कांग्रेस पार्टी में सीधा मुकाबला है इसलिए जहां यह बात महत्वपूर्ण होगी कि किस पार्टी के गढ़ में कितनी अधिक पोलिंग हुई है। वहीं, ओवरऑल पोलिंग भी तय करेगी कि चुनाव कौन जीत रहा है और लगभग कितने वोटों का मार्जिन रहने वाला है।
राजनीति के जानकारों की मानें तो इस समय दोनों पार्टियों के वोटों के बीच 5-7 फीसदी का अंतर दिखाई देता है। जानकार लोग मान रहे हैं कि यदि 80 फीसदी या इससे कम पोलिंग होती है यानि 1.71 लाख में से 1.40 लाख वोट पोल होते हैं तो भव्य बिश्नोई अपना “गढ़” नहीं बचा पाएंगे और यदि 80 से 85 फीसदी के बीच पोलिंग हुई तो भव्य बिश्नोई को थोड़ा फायदा हो सकता है। यहां बता दें कि आदमपुर के 1.71 लाख वोटों में से करीब 48 हजार वोट अकेले जाट समुदाय हैं जो इस उपचुनाव के नतीजों को काफी हद तक प्रभावित करेंगे। ऐसे में, यदि 80 फीसदी से कम पोलिंग हुई तो प्रिंस यानि कुलदीप बिश्नोई का “खेल” समझो खत्म है।
अब देखना होगा कि कुलदीप बिश्नोई के फैसलों और दूरी से बेहद खफा आदमपुर का भाग्य विधाता किसे अपना विधायक बनाने का मन बना चुका है।