जन सरोकार ब्यूरो।
हिसार। हरियाणा में कांग्रेस एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई। जिसकी वजह से जनता केे भाजपा के खिलाफ होने के बाद भी आदमपुर उपचुनाव में कांग्रेस को हार मिली। आदमपुर उपचुनाव की हार पर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने भूपेंद्र हुड्डा पर जमकर तंज कसे। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में जीत से कहीं ज्यादा हुड्डा को तीसरी बार CM प्रमोट किया गया। कुमारी शैलजा व रणदीप सुरजेवाला का नाम था, लेकिन वे उपचुनाव में प्रचार करने नहीं आए। आदमपुर उपचुनाव की पूरी भूपेंद्र हुड्डा, उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने संभाली हुई थी।
कुमारी सैलजा ने कहा कि चुनाव में सबको साथ लेकर चलने की कोई मीटिंग या प्लेटफार्म नहीं रखा गया। चुनाव के शुरू से ही लेकर अंत तक एक ही प्रकिया चली। कांग्रेस के उम्मीदवार जयप्रकाश एक ही बात कहते रहे कि वह (हुड्डा) मुख्यमंत्री बनेगा। राष्ट्रीय नेताओं की फोटो नदारद थी।
कुमारी सैलजा ने कहा कि उपचुनाव में स्थानीय फैक्टर हावी होते हैं। इस चुनाव में कई बातें थे। पहली बात तो ये चुनाव क्यों हुआ। जो कांग्रेस के थे वो कांग्रेस छोड़ गए। आज जनता भाजपा के खिलाफ है। ये सब हालात होते हुए कांग्रेस पार्टी को नेशनल पार्टी की तरह से लड़ना चाहिए। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सबकी पार्टी है। सब मिलकर कार्य करते हैं। पहले सब कार्यकर्ता होते हैं और फिर जनता ही नेता बनाती है, लेकिन इस चुनाव में सबको साथ लेकर नहीं चला गया।
सैलजा ने भूपेंद्र हुड्डा का बिना नाम लिए कहा कि चुनाव में यह प्रोजेक्ट किया गया कि पार्टी को कुछ लोग ही चला रहे हैं, जनता में ये संदेश दिया गया। कांग्रेस नेशनल पार्टी है। हरियाणा में लोग भारतीय जनता पार्टी से छुटकारा चाहते हैं और कांग्रेस को विकल्प समझ रही है। कांग्रेस पार्टी को इस बात को समझना चाहिए। यदि इन चीजों को नहीं देखेंगे तो लोग आकलन करते हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि पार्टी संगठन है। पार्टी- पार्टी के ढंग से चलती है, किसी एक या दो की मर्जी से नहीं चलती, यह एक परिवार की पार्टी नहीं है। मुख्यमंत्री कौन बन रहा है, यह बात नहीं हो सकती। यदि बड़े परिपेक्ष्य में नहीं देखेंगे तो वो नुकसान हरियाणा की जनता का होगा, कार्यकर्ता का नुकसान होगा। नेताओं का क्या होगा, वह तो भी किसी पार्टी में चला जाता है।
हुड्डा से अनबन के कारण सैलजा ने दिया था इस्तीफा
विधानसभा चुनाव 2019 में तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के बीच टिकट आवंटन को लेकर तकरार हो गई। टिकट वितरण में भूपेंद्र हुड्डा की चली। इससे खफा होकर अशोक तंवर ने इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद कुमारी सैलजा को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया, लेकिन वह भी तीन साल तक संगठन नहीं खड़ा कर सकी। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा समर्थक विधायक पार्टी की मीटिंग और कार्यक्रमों से नदारद रहे।
हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ तालमेल न बैठने के कारण हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद से 9 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद 27 अप्रैल को उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया। इसके बाद हुड्डा के कहने पर कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व विधायक उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाया।