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Monday, November 25, 2024
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फतेहाबाद की ठंडी सियासत में बबली-बराला-दुष्यंत-हुड्डा के बयानों के बाद आई गर्मी

-2019 में भाजपा-जजपा गठबंधन होने के बाद बदले-बदले हैं टोहाना के समीकरण

आदमपुर विधानसभा में प्रस्तावित उपचुनाव को लेकर प्रदेश में राजनेताओं की गतिविधियां एकाएक तेज हो गई हैं। उधर, अक्सर शीत रहने वाली फतेहाबाद की सियासत में इन दिनों गर्मी है। फतेहाबाद के टोहाना से दो बड़े नेताओं के बीच आपसी वार-पलटवार के बाद जिस तरह से इस पूरे मामले में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता चौधरी भूपेंद्र ङ्क्षसह मैदान में आ गए हैं, उससे आने वाले समय में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल सकते हैं। टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली हरियाणा सरकार में पंचायत और विकास मंत्री हैं। टोहाना से 2014 से 2019 तक विधायक रहे सुभाष बराला काफी समय तक भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। बराला फिलहाल सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन हैं। बबली ने 2019 के चुनाव में बराला को करीब 52 हजार वोटों के अंतर से हराया था। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि आखिर टोहाना में कौन सी राजनीतिक खिचड़ी पक रही है? जून में हुए नगरपरिषद के चुनाव में चेयरमैन की बाजी बराला ने मारी और अब कुछ दिन पहले वाइस चेयरमैनी के चुनाव में भी बराला ने बबली को चित्त कर दिया। इसके बाद से बबली के तेवर तल्ख हैं। अकेले बबली ही नहीं जजपा से कई दूसरे विधायक भी अक्सर अपनी पार्टी पर सवाल खड़े करते रहे हैं। इनमें नारनौंद से जजपा के विधायक रामकुमार गौतम के अलावा नरवाना से विधायक रामनिवास सूरजाखेड़ा भी अक्सर पार्टी और सरकार पर प्रश्रचिह्न लगाते रहते हैं। गौतम तो खुलकर ही दुष्यंत का विरोध करते हैं। खैर अब बबली-बराला की राजनीतिक लड़ाई एकाएक तेज होने के बाद फतेहाबाद की राजनीति में गर्माहट का आलम है। यह गर्माहट आने वाले समय में बढ़ सकती है। अगले महीने में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की फतेहाबाद में रैली की संभावना है, वहीं इनैलो की ओर से 25 सितंबर को चौधरी देवीलाल के जन्मदिवस पर एक रैली का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही अगले महीने पंचायती राज संंस्थाओं के चुनाव भी हो सकते हैं। इन सब कारकों के चलते आने वाले समय में राजनीतिक पारा और ऊपर चढ़ता हुआ नजर आएगा।
टोहाना सीट बनी हॉट
दरअसल 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को चालीस सीटों पर जीत मिली। भाजपा ने दस सीटों पर जीत हासिल करने वाली जजपा के साथ सरकार बनाई। टोहाना से बराला जजपा के देवेंद्र बबली के सामने चुनाव हारे थे। कई सीटों पर जजपा और भाजपा के बीच विधानसभा चुनाव में कड़ा मुकाबला हुआ था। इस कड़ी में टोहाना विधानसभा सीट हमेशा ही चर्चा में रही। बबली-बराला के बीच वार-पलटवार का सिलसिला नया नहीं है। पर अब तो लड़ाई और तेज होती नजर आ रही है। इसी साल मार्च में बबली को कैबीनेट मंत्री बनाया गया था। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा रही कि मंत्री बनने से पहले बबली इसलिए सरकार पर हमला बोल रहे थे कि उनके इस दबाव के बाद मंत्री बनाया जाए। बबली मंत्री बन गए। मंत्री बनने के बाद तो और अधिक तल्ख अंदाज है बबली का। अब बबली पिछले कुछ समय में ही टोहाना शहर में दो बार बड़ी हार का सामना कर चुके हैं। पहले नगरपरिषद चेयरमैनी में हार और अब बराला ने उन्हें वाइप चेयरमैनी के चुनाव में पराजित कर अपनी समर्थक नीरु सैनी को नप का उपाध्यक्ष बनवाने में कामयाबी हासिल की।
ऐसे चला वार-पलटवार का सिलसिला
वहीं नगरपरिषद टोहाना के वाइस चेयरमैन को लेकर तीन दिन पहले चुनाव हुआ। इस चुनाव में आमने-सामने कोई और नहीं सरकार का हिस्सा दो बड़े नेता। वाइस चेयरमैन के लिए बराला ने नीरु सैनी को मैदान में उतारा। बबली ने सुरेश सेठी को उम्मीदवार बनाया। नीरु सैनी को तेरह वोट मिले और सुरेश सेठी को 2। जाहिर है हार अप्रत्यक्ष रूप से बबली की हुई। जीत से उत्साहित बराला के समर्थकों ने जमकर जश्र मनाया। खैर इसके हार के बाद बबली बोले जब तक मैं मंत्री पद पर हूं, टोहाना तो क्या, पूरे प्रदेश में कहीं घोटाले नहीं होने दूंगा। किसी को पर नहीं मारने दूंगा। बबली ने कहा था कि करप्शन के खिलाफ मैं अकेला आवाज उठा रहा हूं। क्या कोई और मंत्री नहीं है सरकार में। बबली के इस बयान के बाद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने उल्टे बबली पर ही पलटवार किया। दुष्यंत बोले कि अगर देवेंद्र बबली को सब पता है तो वह भ्रष्टाचारियों को पकड़ क्यों नहीं लेते। बोलने से कुछ नहीं होता। भ्रष्टाचारियों को पकडक़र दिखाओ। रोका किसने है। वहीं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि कोई व्यक्ति जिम्मेदारी के पद पर होते हुए उसी सिस्टम पर आरोप लगा रहा है, जिसमें वह काम कर रहा है। वह जेजेपी कोटे से हैं। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और मुख्यमंत्री को बबली की बात पर कड़ा संज्ञान लेना चाहिए। कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बबली के बयान पर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि एक मंत्री ऐसे बयान दे रहा है। अगर भ्रष्टाचार नहीं है और मंत्री गलत बयान दे रहा है तो वह मंत्री कैसे रह सकता है। उसे तुरंत हटा दिया जाएगा। हुड्डा ने कहा कि मैं देवेंद्र बबली की सराहना करता हूं। उन्होंने सच कहने की पहल की है।

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