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Friday, November 22, 2024
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कुलदीप बिश्नोई जिन गांवों में खुद को स्ट्रॉन्ग मान रहे हैं उनमें अब पहले वाली बात नहीं!

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आदमपुर की सीट को नाक का सवाल बनाया, आज आदमपुर अनाज मंडी में मनाएंगे दीपावली, उत्सव गार्डन में विधायकों और कार्यकर्ताओं से बैठक कर लेंगे फीडबैक

जन सरोकार ब्यूरो |
आदमपुर

उपचुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है चुनाव में खींचतान होनी शुरू हो गई है तथा बुधवार से सभी पार्टियों के स्टार प्रचारक भी आदमपुर में डेरा डाल लेंगे। भाजपा में शामिल होने के बाद से आदमपुर को अपना परिवार और 54 साल पुराना रिश्ता बता रहे कुलदीप बिश्नोई भव्य बिश्नोई की जीत को लेकर इतने ओवर कॉन्फिडेंट हैं कि यह अति आत्मविश्वास उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है।

इसका मुख्य कारण है कि कुलदीप बिश्नोई बाहुल्य गांवों में खुद को उतना ही मजबूत मान रहे हैं जितना भजनलाल के समय थे, लेकिन धरातल पर रोजाना बदल रही परिस्थितियां जिस तेजी से बदल रही हैं इसको कुलदीप को अंदाजा ही नहीं है। यदि आदमपुर विधानसभा में मोटे तौर पर कुलदीप बिश्नोई के पक्ष और विपक्ष के गांवों पर नजर डालें और वहां के मतदाताओं के मूड की बात करें तो अगले 4-5 दिन में जो स्थितियां बनने वाली हैं वे कुलदीप ही नहीं भाजपा के लिए भी सरप्राइजिंग हो सकती हैं। दूसरी तरफ आज पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडा का आदमपुर के लोगों की बीच दिवाली मनाना इस बात का संकेत है कि उन्होंने इस चुनाव का नाक का सवाल बना लिया है।

ये गांव जहां कमजोर हैं बिश्नोई

आदमपुर विधानसभा के कई गांव ऐसे हैं जहां कुलदीप बिश्नोई या यूं कहें की भजनलाल परिवार हर चुनाव में कमजोर रहा है तथा इनमें से अधिकतर गांवों में हार मिलती रही है। इन गांवों में बुड़ाक, बालसमंद, कालीरावण, खैरमपुर, तेलनवाली, कुतीयावाली, बांडाहेडी और ढोबी शामिल हैं। इसके अलावा कुछ गांव इस बार ऐसे है जहां हर बार भजनलाल परिवार को वोट मिलते रहे हैं लेकिन इस बार इन गांवों में माहौल कुछ और है। इन गांवों में लाडवी, खैरमपुर, जाखोद खेड़ा, मलापुर, दुर्जनपुर, बांडाहेड़ी, न्योली, चुली, बगला और दड़ौली शामिल हैं।

ये गांव है भजनलाल परिवार की स्ट्रेंथ
आदमपुर विधानसभा के बिश्नोई बाहुल्य सहित कई गांव ऐसे हैं जहां के 70 फीसदी तक वोट एकमुश्त भजनलाल परिवार को डलते हैं। इन गांवों में भोडिया, भाणा, सदलपुर, सारंगपुर, आदमपुर, सिसवाल, ढाणी सिसवाल, आदमपुर मंडी, मेलसरा, मोठसरा, दुर्जनपुर, असरावां, फ्रांसी, काजला, चिकनवास चौधरीवाली और मोडाखेड़ा शामिल हैं। ये ऐसे गांव हैं जो तय करते हैं कि हर और जीत का मार्जिन कितना रहेगा।

ये हैं घटते ग्राफ के कारण

कुलदीप बिश्नोई से आदमपुर की जनता काफी खफा है, जब इस संबंध में लोगों से बात की जाती है तो उनके मुहं पर कुलदीप से नाराजगी के तीन चार जो कारण होते हैं उन्हें मुख्य कारण है लोगों के सुख-दुख में शामिल नहीं होते, विधानसभा की ग्रांट लैप्स होना और कभी हलके लिए विकास की मांग न करना। यही कारण है कि कुलदीप उन गांवों में भी कमजोर पड़ते जा रहे हैं जिन्हें वे अपने सबसे बड़ी स्ट्रेंथ मान रहे हैं।

पोकरमल की दुकान पर हुडा मनाएंगे दिवाली, उन्हीं के घर लंच

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा ने आदमपुर की सीट को नाक का सवाल बना लिया है। इस बात का अंदाजा यूं लगाया जा सकता है कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव की घोषणा के बाद से आदमपुर में डेरा डाले हुए हैं तथा कल खुद भूपेंद्र सिंह हुड्डा आदमपुर की अनाज मंडी में कभी भजनलाल परिवार के घरेलू सदस्य रहे पोकरमल के बेटे प्रदीप बेनीवाल की दुकान पर दीपावली मनाएंगे और आदमपुर के लोगों से राम-रमी करेंगे। इतना ही नहीं हुड्डा प्रदीप बेनीवाल की कोठी पर लंच करने के बाद मंडी में कई और स्थानों पर भी चाय पियेंगे। इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुडा आदमपुर के उत्सव गार्डन में पार्टी के विधायकों और चुनावी ड्यूटी दे रहे कार्यकर्ताओं से बैठक कर फीडबैक लेंगे और उन्हें दिशा निर्देश देंगे।

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