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Monday, November 25, 2024
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इनैलो का मुकाबला किसी दल से नहीं: चौटाला

-फतेहाबाद में इनैलो की राज्य कार्यकारिणी की बैठक, 25 सितंबर की रैली को लेकर की चर्चा

फतेहाबाद, 17 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): इंडियन नैशनल लोकदल के सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने कहा है कि फतेहाबाद में 25 सितंबर को चौधरी देवीलाल के जन्मदिवस पर होने वाली सम्मान दिवस रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार सहित कई बड़े नेता शिरकत करेंगे। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को लूटेरों का गिरोह बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला ने कहा कि अब वक्त राज बदलने का आ गया है। प्रदेश में अब जब भी चुनाव होंगे तो इनैलो सत्ता में आएगी। इनैलो सुप्रीमो चौटाला बुधवार को फतेहाबाद की अनाजमंडी में पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक को पार्टी के महासचिव और ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला, प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी ने भी संबोधित किया। बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इनैलो का आज कोई मुकाबला नहीं है और ऐसा अब दूसरे राजनीतिक दलों के नेता भी मान रहे हैं। इनैलो सुप्रीमो चौटाला ने कहा कि
इस बार इसलिए फतेहाबाद को चुना
दरअसल इनैलो की ओर से इस बार ताऊ देवीलाल की जयंती पर रैली के लिए फतेहाबाद का चयन किया गया है। पिछले साल सम्मान दिवस रैली प्रदेश की राजनीतिक राजधानी जींद में हुई थी। ताऊ के सम्मान दिवस समारोह पर इनैलो अक्सर अपने गृह क्षेत्र से बाहर जींद, रोहतक, सांपला, कुरुक्षेत्र, गोहाना जैसे इलाकों में रैलियां करती रही है। पहली बार फतेहाबाद में रैली रखकर इनैलो ने सभी को चौंका दिया है। गौरतलब है कि फतेहाबाद में इनैलो का अपना एक खास प्रभाव रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इनैलो को हिसार और सिरसा दो सीटों पर जीत मिली थी। इसी प्रकार से 2014 के विधानसभा चुनाव में भी इनैलो फतेहाबाद के रतिया और फतेहाबाद विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी। खुद चौधरी देवीलाल भी साल 1962 में पहली बार कांग्रेस से बागी होकर फतेहाबाद से आजाद विधायक चुने गए थे। इंडियन नैशनल लोकदल की ओर से 25 सितम्बर को फतेहाबाद में की जाने वाली रैली के कई मायने में हैं। यह देखना रोचक होगा कि इनैलो की इस रैली में अभय चौटाला कितनी भीड़ जुटा पाते हैं ?
गोहाना रैली में पड़ी थी पार्टी में दरार की नींव
7 अक्तूबर 2018 को गोहाना में हुई रैली में पार्टी में दरार की नींव पड़ी। इसके बाद इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने अजय ङ्क्षसह, दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निष्कासित कर दिया। 9 दिसम्बर 2018 को अजय चौटाला और दुष्यंत ने नई पार्टी बना ली। इसी बीच इनैलो से करीब डेढ़ दर्जन विधायक दूसरे दलों के पाले में चले गए। विघटन के बाद इनैलो को 2019 के संसदीय चुनाव में जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा, जबकि विधानसभा चुनाव में महज एक सीट पर जीत मिली। इनैलो का मत प्रतिशत पिछले लोकसभा चुनाव व विधानसभा से गिर रहा है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को महज 1.89 प्रतिशत मत मिले। जबकि अक्तूबर 2019 के विधानसभा चुनाव में इनैलो को 2.44 फीसदी वोट मिले और महज 1 ही सीट पर जीत मिली। वहीं किसान आंदोलन के समर्थन में 27 जनवरी 2021 को अभय ने ऐलनाबाद से इस्तीफा दिया। अक्तूबर 2021 में ऐलनाबाद में हुए उपचुनाव में अभय चौटाला ने भाजपा उम्मीदवार गोबिंद कांडा को करीब 6708 वोटों के अंतर से पराजित किया।

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