-चौटाला के गृह क्षेत्र सिरसा लोकसभा का हिस्सा है फतेहाबाद की तीन विधानसभा सीटें
-तीसरे मोर्चे के कई नेता कर सकते हैं रैली में शिरकत
फतेहाबाद, 30 जुलाई (जनसरोकार ब्यूरो): इंडियन नैशनल लोकदल की ओर से इस बार 25 सितंबर को चौधरी देवीलाल की जयंती पर सम्मान दिवस रैली का आयोजन फतेहाबाद में किया जाएगा। फतेहाबाद में लंबे अंतराल के बाद इनैलो की ओर से कोई बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा। फतेहाबाद जिला की तीन विधानसभा सीटें रतिया, फतेहाबाद और टोहाना सिरसा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हैं और सिरसा इनैलो का गृह क्षेत्र है। सिरसा जनपद में एक तरह से इनैलो का अपना एक खास जनाधार रहा है। पर पिछले कुछ समय से पार्टी का ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है और अब इस कड़ी में एक बार फिर से इनैलो के प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद के विधायक अभय ङ्क्षसह चौटाला पार्टी संगठन को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पहले की तरह इनैलो की इस रैली में भी तीसरे मोर्चे के पैरोकार रहे कई बड़े राजनेता शिरकत कर सकते हैं।
दरअसल इनैलो की ओर से इस बार ताऊ देवीलाल की जयंती पर रैली के लिए फतेहाबाद का चयन किया गया है। पिछले साल सम्मान दिवस रैली प्रदेश की राजनीतिक राजधानी जींद में हुई थी। ताऊ के सम्मान दिवस समारोह पर इनैलो अक्सर अपने गृह क्षेत्र से बाहर जींद, रोहतक, सांपला, कुरुक्षेत्र, गोहाना जैसे इलाकों में रैलियां करती रही है। पहली बार फतेहाबाद में रैली रखकर इनैलो ने सभी को चौंका दिया है।
फतेहाबाद में है रहा है ताऊ का प्रभाव
गौरतलब है कि फतेहाबाद में इनैलो का अपना एक खास प्रभाव रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इनैलो को हिसार और सिरसा दो सीटों पर जीत मिली थी। इसी प्रकार से 2014 के विधानसभा चुनाव में भी इनैलो फतेहाबाद के रतिया और फतेहाबाद विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी। खुद चौधरी देवीलाल भी साल 1962 में पहली बार कांग्रेस से बागी होकर फतेहाबाद से आजाद विधायक चुने गए थे।
रैली पर लगी हैं निगाहें
खैर इंडियन नैशनल लोकदल की ओर से 25 सितम्बर को फतेहाबाद में की जाने वाली रैली के कई मायने में हैं। यह देखना रोचक होगा कि इनैलो की इस रैली में अभय चौटाला कितनी भीड़ जुटा पाते हैं ? गौरतलब है कि 7 अक्तूबर 2018 को गोहाना में हुई रैली में पार्टी में दरार की नींव पड़ी। इसके बाद इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने अजय ङ्क्षसह, दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निष्कासित कर दिया। 9 दिसम्बर 2018 को अजय चौटाला और दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी बना ली। इसी बीच इनैलो से करीब डेढ़ दर्जन विधायक दूसरे दलों के पाले में चले गए। विघटन के बाद इनैलो को 2019 के संसदीय चुनाव में जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा, जबकि विधानसभा चुनाव में महज एक सीट पर जीत मिली।
लगातार गिरता गया मत प्रतिशत
इनैलो का मत प्रतिशत पिछले लोकसभा चुनाव व विधानसभा से गिर रहा है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को महज 1.89 प्रतिशत मत मिले। जबकि अक्तूबर 2019 के विधानसभा चुनाव में इनैलो को 2.44 फीसदी वोट मिले और महज 1 ही सीट पर जीत मिली। हालांकि पार्टी का मत प्रतिशत घटने, पार्टी के दोफाड़ होने के बावजूद अभय ङ्क्षसह ने हिम्मत नहीं हारी और अकेले ही रण में डटे रहे। अभय ङ्क्षसह चौटाला ने साल 2014 से 2019 तक एक दमदार विपक्षी नेता की भूमिका निभाई। किसान आंदोलन में भी अभय की भूमिका सबसे प्रभावी रही। वे इकलौते ऐसे विधायक रहे जिन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में अक्तूबर 2021 में हुए ऐलनाबाद उपचुनाव में अभय चौटाला ने जीत दर्ज की।
ऐतिहासिक होगा सम्मान दिवस समारोह: अभय चौटाला
वहीं इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय चौटाला ने प्रत्येक वर्ष चौधरी देवीलाल जयंती पर होने वाला सम्मान दिवस इस बार जिला फतेहाबाद में होगा जोकि ऐतिहासिक होगा। इस सम्मान दिवस समारोह में हरियाणा से लाखों लोग चौधरी देवीलाल को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। इस कार्यक्रम में केवल हरियाणा से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी अनेक लोग चौधरी देवीलाल को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। अभय चौटाला ने ये भी कहा कि आने वाले समय में जिला परिषद के होने वाले चुनावों में इनेलो सिंबल पर चुनाव लड़ेगी। प्रदेशभर में हुए निकाय चुनावों में कुछ स्थानों पर इनेलो पार्टी सिंबल पर लड़ी और उसके परिणाम बेहतर मिले हैं।