हिमाचल में सजा होने के बाद विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता हुई थी रद्द
चंडीगढ़। कालका से निवर्तमान विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाल हो गई है। अब कालका में उपचुनाव नहीं करवाए जाएंगे। गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाल कर दी। प्रदीप चौधरी को हिमाचल प्रदेश के सोलन में एक रोड जाम के मामले में सजा हो गई थी। सजा होने के बाद उनकी सदस्यता को विधानसभा से रद्द कर दिया गया। प्रदीप चौधरी ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में स्टे याचिका दाखिल की। अब हाईकोर्ट ने उनकी सदस्यता पर स्टे दे दिया। हाईकोर्ट के आदेश लेकर प्रदीप चौधरी विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के पास गए। स्पीकर ने विधानसभा की कानूनी शाखा से मशविरा करके उनकी सदस्यता को बहाल कर दिया।
उल्लेखनीय है कि 2011 में एक युवक की मौत के बाद बद्दी चौक पर जाम लगाया गया था। इस मामले में सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में 13 जून 2011 को बद्दी थाने में केस दर्ज किया गया। अभी थोड़े दिन पहले ही नालागढ़ की निचली अदालत ने प्रदीप चौधरी को दोषी करार दिया था। अदालत ने दोषियों को तीन-तीन साल की सजा और 85-85 हजार रुपए जुर्माना लगाया था। इसी मामले में कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी के अलावा पंचकूला जिले के 14 आरोपियों को सजा सुनाई गई है। 30 जनवरी को हरियाणा विधानसभा स्पीकर ने विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी। लगभग 4 महीने के बाद उनकी सदस्यता बहाल हुई जबकि कालका विधानसभा के उपचुनावों की चर्चाएं भी जोरों पर थीं।
इसके बाद पिछले महीने हिमाचल हाईकोर्ट ने प्रदीप चौधरी को राहत देते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। स्टे ऑर्डर की कापी मिलने के बाद निवर्तमान विधायक प्रदीप चौधरी 26 अप्रैल को हरियाणा विधानसभा में हिमाचल हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर की कॉपी लेकर पहुंचे थे। उन्होंने आदेश की कॉपी विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को सौंपी। तब गुप्ता ने कहा था कि प्रदीप चौधरी ने अपनी सदस्यता बहाली को लेकर आग्रह किया है। विधानसभा की ओर से कानूनी राय लेने के बाद इस बारे में फैसला लिया जाएगा। अब उनकी सदस्यता को बहाल कर दिया गया।