asd
Sunday, November 24, 2024
Dg Rocket- A Complete Digital Marketing Solution
HomeUncategorizedकुलदीप बिश्नोई इस बार बीजेपी की इलेक्शन मैनेजमेंट के भरोसे!

कुलदीप बिश्नोई इस बार बीजेपी की इलेक्शन मैनेजमेंट के भरोसे!

-पहले भजनलाल के नाम से और बाद में कभी इत्तेफ़ाक और कभी किस्मत से जीतने वाले कुलदीप बिश्नोई पहली बार सीख रहे चुनाव प्रबंधन

जन सरोकार ब्यूरो।
आदमपुर।

हरियाणा की राजनीति को करीब से देखने वाले सभी बुद्धिजीवियों ने हमेशा कहा है कि मुहं में चांदी की चमच लेकर पैदा हुए कुलदीप बिश्नोई एक कुशल राजनेता नहीं बल्कि एक कुशल उद्यमी हैं।

आदमपुर विधानसभा के इतिहास को यदि देखा जाए और भजनलाल परिवार के 54 साल के इतिहास में से यदि चौधरी भजनलाल के दौर को अलग किया जाए तो राजनीतिक बुद्धिजीवियों की यह बात काफी हद तक ही नहीं, हर एंगल से ठीक नजर आती है। आदमपुर विधानसभा से पहले चौधरी भजनलाल खुद चुनाव लड़ते थे, लेकिन जैसे-जैसे भजनलाल सेंटर की राजनीति में गए तो उन्होंने अपनी इस “सेफ सीट” पर कभी अपनी पत्नी जसमा तो कभी बेटे कुलदीप को विधायक बनवाया। क्योंकि, हर बाद आदमपुर की जनता सीएम के नाम पर इस परिवार को वोट देती थी इसलिए यह परिवार यहां से बड़ी आसानी से जीतता रहा है। लेकिन चौधरी भजनलाल के जाने के बाद से कुलदीप बिश्नोई या उनकी पत्नी जब भी आदमपुर से जीते हैं तो कभी भी उनकी इलेक्शन मैनेजमेंट देखने का नहीं मिली।

हमेशा भजनलाल के नाम पर और खुद को सीएम प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़ते रहे और कभी इत्तेफ़ाक से तो कभी भाग्य से जीतते रहे। लेकिन इस बार आदमपुर में हो रहे चुनाव में कुलदीप बिश्नोई को पहली बार इस बात का अहसास हो रहा है कि चुनाव प्रबंधन भी कोई चीज होती है। पार्टी में कार्यकर्ता की क्या अहमियत होती है और स्टार प्रचारकों के आने या नहीं आने से चुनाव पर क्या असर पड़ता है, और यह सब कुलदीप बिश्नोई सीख रहे हैं भारतीय जनता पार्टी के इलेक्शन मैनेजमेंट से। यह बता सब जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की इलेक्शन मैनेजमेंट का अब तक हरियाणा ही नहीं पूरे देश में कोई मुकाबला नहीं है।

भाजपा पन्ना प्रमुख, हर बूथ पर 100 यूथ, विलेज कमेटी, मंडल कार्यकारिणी से होते हुए जिला, राज्य और देश में संगठन की एक पूरी चैन है। यह सिर्फ चैन ही नहीं इस चैन में आने वाले हर कार्यकर्ता की अपनी अहमियत है और उनकी जिम्मेदारियां भी तय हैं। कुलदीप बिश्नोई को यह पहली बार अहसास हो रहा है कि कुशल बिजनेसमैन होना ही राजनीति बने रहने के लिए काफी नहीं, बल्कि चुनाव प्रबंधन होना और आना भी जरूर रही है। आदमपुर चुनाव में इस समय के कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य के हालात की चर्चा करें तो बिश्नोई इस समय पूरी तरह से भाजपा के चुनाव प्रबंधन पर ही निर्भर हैं और इसी पार्टी प्रबंधन के दम पर ही बड़ी जीत का दावा कर रहे हैं। अब देखना है कि 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में कुलदीप बिश्नोई के दावे, भजनलाल का नाम और पार्टी का चुनाव प्रबंधन भव्य बिश्नोई के कितना काम आता है और आदमपुर की जनता ने क्या “प्रबंधन” किया हुआ है और घर से ईवीएम मशीन तक जाने तक मतदाता के मन में क्या चलेगा और वोट के रूप में उसका किसे फायदा मिलेगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Dg Rocket- A Complete Digital Marketing Solution

Most Popular

Recent Comments