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कुलदीप बिश्नोई के ट्विट से हलचल: हुड्डा को बताया धृतराष्ट्र, कल देंगे इस्तीफा!

ट्वीटर पर लिखा – ” 4 अगस्त को 10 बजकर 10 मिनट ” यानि, चार तारीख को होंगे बीजेपी में शामिल!

फतेहाबाद, 2 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): आदमुपर विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक कुलदीप बिश्रोई इस्तीफा देंगे। इस्तीफा देने के बाद वे भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में 4 अगस्त को विधिवत रूप से भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। वधायक कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा जॉइन करने की फाइनल तिथि निर्धारित कर दी है। कुलदीप ने ट्वीट करके लिखा कि 4 अगस्त को 10 बजकर 10 मिनट। हालांकि कुलदीप के ट्वीट से केवल कयास ही लगाए जा रहे हैं। वहीं एक निजी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कुलदीप बिश्रोई ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को धृतराष्ट्र बताते हुए कहा कि हुड्डा को अपने बेटे के अलावा कुछ नजर नहीं आता है। कुलदीप ने विधायक रघुबीर सिंह कादियान और गीता भूक्का की भी जमकर तारीफ की और कहा कि हुड्डा को कांग्र्रेस हाईकमान ने बहुत मौके दिए हैं, लेकिन हुड्डा कांग्रेस को आगे नहीं ले जा सके। खैर, इन सबसे हटकर हरियाणा की राजनीति में कुलदीप ने हलचल तेज कर दी है और कुलदीप का कांग्रेस छोडऩा तय है। कुलदीप बिश्रोई पिछले करीब एक माह के दौरान दो बार भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा और दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर चुके हैं। इसी बीच वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिल चुके हैं। कुलदीप बिश्रोई की राजनीति में यह एक नई पारी होगी। कुलदीप बिश्रोई अपने पिता चौधरी भजनलाल के साथ मिलकर लंबे समय तक कांंग्रेस में रह चुके हैं।
गौरतलब है कि कुलदीप बिश्रोई 2019 के विधानसभा चुनाव में आदमपुर से विधायक चुने गए थे। कुलदीप के पिता चौधरी भजनलाल तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। कुलदीप लगातार कांग्रेस में असहज महसूस कर रहे हैं। इसी का प्रतिफल रहा कि 10 जून को हुए राज्यसभा चुनाव में कुलदीप ने कांग्रेस के खिलाफ क्रास वोङ्क्षटग की। उसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें पार्टी संगठन के सभी पदो से निष्कासित कर दिया। तभी से कुलदीप के भाजपा में जाने की चर्चाएं जोर पकड़ रही थी। सूत्रों के अनुसार कुलदीप अब जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे। इससे पहले वे विधायक पद से इस्तीफा देंगे। कुलदीप नहीं चाहते हैं कि वे बिना त्यागपत्र दिए भाजपा में शामिल हो जाएं। इससे उन्हें दोहरा नुक्सान होगा।
भाजपा से रहा है पुराना नाता
पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस छोडक़र दिसंबर 2007 हरियाणा जनहित कांग्रेस का गठन किया। चुनाव में पार्टी के 7 विधायक जीते, परंतु 5 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। कुलदीप और उसकी पत्नी रेणुका बिश्नोई ही पार्टी में रह गए। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2014 से पहले भाजपा के साथ गठबंधन किया। दोनों दलों ने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा। भाजपा ने 8 और हजकां ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ा। हजकां अपने कोटे की दोनों सीटें हार गई, जबकि भाजपा ने 7 और कांग्रेस ने 1 सीट जीती। 2 सीटों पर इनैलो को जीत मिली। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा न होने पर भाजपा के साथ गठबंधन टूट गया और कुलदीप ने हजकां का विलय कांग्रेस में करके घर वापसी की।
आदमपुर में होगा उपचुनाव
आपकों बता दें कि ऐसे में आने वाले समय में हरियाणा में आदमपुर सीट पर उपचुनाव होना तय माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी गठबंधन सरकार में यह तीसरा उपचुनाव होगा। इससे पहले नवंबर 2020 में बरौदा में उपचुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस के इंदुराज नरवाला विजयी हुए थे। अक्तूबर 2021 में ऐलनाबाद में उपचुनाव हुआ और उस उपचुनाव में इनैलो के अभय ङ्क्षसह चौटाला को जीत मिली। अभी फिलहाल सितंबर में प्रदेश में पंचायती चुनाव होने हैं। ऐसा तय माना जा रहा है कि अगस्त में कुलदीप बिश्रोई विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे। इसके छह माह की अवधि के भीतर उपचुनाव करवाया जाना जरूरी है। उल्लेखनीय है कि आदमुपर के इतिहास में यह चौथा उपचुनाव होगा। विशेष बात यह है कि साल 1998 में कुलदीप बिश्रोई आदमपुर में हुए उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। खास बात यह है कि 2005 में चौधरी भजनलाल आदमपुर से विधायक चुने गए थे। 2007 में भजनलाल और कुलदीप ने हजकां का गठन कर लिया। इसके बाद भजनलाल की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी। इसके बाद जून 2008 में आदमपुर में उपचुनाव हुआ और उस उपचुनाव में भजनलाल विधायक चुने गए। साल 2011 में भजनलाल का निधन हो गया। भजनलाल उस समय हिसार से सांसद थे जबकि कुलदीप आदमपुर से विधायक। कुलदीप ने आदमपुर से त्यागपत्र देते हुए हिसार लोकसभा से चुनाव लड़ा। ऐसे में दिसंबर 2011 में आदमपुर में उपचुनाव हुआ। उस उपचुनाव में कुलदीप बिश्रोई की पत्नी रेणूका बिश्रोई ने ताल ठोकी और पहली बार विधायक बनने में कामयाब रही। ऐसे में अब तक आदमपुर में तीन उपचुनाव पहले ही हो चुके हैं।
आदमपुर में रह है भजनलाल परिवार का दबदबा
दरअसल आदमपुर विधानसभा सीट से 1967 से लेकर 2019 तक 13 सामान्य जबकि 3 उपचुनाव हुए। आदमपुर विधानसभा सीट के अब तक सियासी सफर में 16 चुनाव में 15 बार भजनलाल परिवार को जीत मिली। यह अपने आप में एक अनूठा रिकॉर्ड है। आदपमुर से भजनलाल खुद 9 बार विधायक रहे। 1 बार उनकी पत्नी जसमा देवी विधायक चुनी गईं। 4 बार कुलदीप बिश्रोई विधायक बने। एक बार रेणुका बिश्रोई भी विधायक निर्वाचित हुईं। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है कि एक सीट पर पहले पिता और मां विधायक बने। उसके बाद बेटा और उनकी पुत्रवधु भी विधायक चुने गए।

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