वोट मांगते समय कुलदीप बिश्नोई लोगों से कह रहे “सभी को अच्छे से बता देना वोट कमल के निशान पर देना है”, भजनलाल के पहले चुनाव और हजकां के ट्रैक्टर को छोड़ दें तो पांच बार “हाथ” पर ही वोट डालता रहा है आदमपुर
जन सरोकार ब्यूरो।
आदमपुर।
जब से चौधरी भजनलाल ने आदमपुर विधानसभा से चुनाव लड़ना शुरू किया है उनके पहले चुनाव को छोड़कर आदमपुर की जनता ने 2005 तक लगातार कांग्रेस के हाथ के निशान पर वोट डाले हैं। 2007 में कुलदीप बिश्नोई ने हरियाणा जनहित कांग्रेस का गठन किया था, इसके बाद हुए से 2009 और 2014 के लोकसभा-विधानसभा और एक उपचुनाव में आदमपुर ने हजकां के चुनाव निशान ट्रैक्टर पर वोट दिया था। इसके बाद कुलदीप के फिर कांग्रेस में आने से 2019 के चुनावों में फिर से हाथ पर वोट दिया गया। लेकिन पहली बार भजनलाल परिवार कमल के फूल निशान यानि भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहा है। ऐसे में, अब कुलदीप बिश्नोई चुनाव निशान को लेकर भी हर जगह चिंतित दिखाई देते हैं और लोगों से कहते भी हैं कि “सभी को अच्छे से समझा देना की कमल के निशान का बटन दबाना है कहीं हर बार की तरह हाथ का निशान ढूंढते रहें”। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कभी भी आदमपुर की आवाज नहीं उठाने वाले कुलदीप बिश्नोई के मन में चुनाव को लेकर कितनी चिंता है तथा उनकी सांसें फूली हुई हैं।
उधर, कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचार हुड्डा पिता-पुत्र लगातार यह प्रचार कर रहे हैं कि आदमपुर भजनलाल परिवार का नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी का गढ़ है तथा यहां कांग्रेस के राज में ही सभी काम हुए थे जो चौधरी भजनलाल ने करवाए थे। कहीं ना कहीं, हुड्डा पिता-पुत्र की यह बात आदमपुर के लोगों को सही भी लग रही है तथा आदमपुर के लोगों के लिए हाथ का निशान “फ्रेंडली” सा भी है। यही कारण है कि कुलदीप बिश्नोई चुनाव चिन्ह को लेकर भी लोगों को बताना नहीं भूलते की वोट किस निशान पर देना है।
अब देखना होगा कि कुलदीप बिश्नोई के कथित गलत राजनीतिक निर्णयों और आदमपुर की बदहाली से खफा आदमपुर की जनता को कुलदीप बिश्नोई अपने नये चुनाव चिन्ह कमल के फूल पर वोट डालने के लिए कितना तैयार कर पाते हैं तथा वोटर भी उनकी बात पर कितनी गंभीरता से बटन दबाएंगे। कुछ भी कहें, लेकिन यह बात तय है कि 3 नवंबर को होने वाला यह चुनाव ना सिर्फ हरियाणा का 2024 का मूड बताएगा बल्कि राजनीति को भी एक नई दिशा देगा।