जन सरोकार ब्यूरो
कुरुक्षेत्र।
धर्म नगरी कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के स्नान के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पंहुचे। कुरुक्षेत्र में मंगलवार शाम 4:27 बजे सूर्य ग्रहण शुरू होते ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु ब्रह्मसरोवर के पवित्र जल में डुबकी लगाने उतर गए। सबसे पहले यहां युधिष्ठिर घाट पर नागा साधुओं ने मोक्ष की डुबकी लगाई। उनके बाद ही श्रद्धालुओं ने यहां स्नान किया। सूर्यग्रहण का स्नान शाम को 5:39 बजे तक चला। इस साल के अंतिम सूर्य ग्रहण पर ब्रह्मसरोवर में देश और विदेशों के करीब 1 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए हैं। आपातकालीन वाहनों को छोड़कर सभी वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया गया है।
हरियाणा की धर्म नगरी कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के स्नान के लिए सुबह ही श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए थे। हालांकि भीड़ भड़ाके से बचने के लिए कुरुक्षेत्र में बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने दोपहर से ही डुबकी लगानी शुरू कर दी। कुरुक्षेत्र में पांच लाख के करीब लोगों के पहुंचने का अनुमान है। प्रशासन की ओर से भी पुख्ता प्रबंध किए गए।
कुरुक्षेत्र में स्नान के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 400 बस और ई रिक्शा निशुल्क चलाई गई। आज कुरुक्षेत्र में कुछ ट्रेनों का भी विशेष तौर पर ठहराव रहा।
कुरुक्षेत्र सूर्यग्रहण मेले में सुरक्षा के लिए 5 हजार पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की गई। जो मेले की व्यवस्था सहित जिले में यातायात की व्यवस्था को दुरुस्त करते रहेंगे। साथ ही 370 सीसीटीवी व करीब 17 ड्रोन कमरे से मेले मे चप्पे-चप्पे पर पुलिस द्वारा नजर रखी जा रही है। मेला को 20 सेक्टर में बांटा गया है। सभी सेक्टर्स में ड्यूटी मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया।
नागा साधुओं के शाही स्नान से ही ग्रहण स्नान शुरू किया जाएगा । नागा साधु सबसे पहले ब्रह्मसरोवर के युधिष्ठिर घाट पर शाही स्नान करेंगे। आज कुरुक्षेत्र में सभी बाहरी वाहनों क़ो प्रतिबंध किया हुआ है। ताकि शहर में जाम की व्यवस्था ना हो। कल से ही रूट को डायवर्ट किया हुआ है।
पंडित राकेश गोस्वामी ने कहा कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुरुक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर में डुबकी लगाने से उतना ही पुण्य फल प्राप्त होता है, जितना अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य फल मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के समय सभी देवी-देवता कुरुक्षेत्र में मौजूद रहते हैं और ब्रह्मसरोवर में स्नान करते हैं।
मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के समय ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। कुरुक्षेत्र के आसपास या नजदीकी शहरों में कोई हवाई अड्डा नहीं है। इसलिए ब्रह्मसरोवर कुरुक्षेत्र में पहुंचने के लिए बस द्वारा, रेल द्वारा या फिर अपने वाहनों से ही संभव है। दिल्ली से कुरुक्षेत्र 160 किलोमीटर है। रेल द्वारा कुरुक्षेत्र रेलवे जंक्शन पर पहुंच सकते हैं।