-कई अहम मुद्दों पर चर्चा, किए खास संशोधन
-मोटर वाहन मालिकों को दी राहत
चंडीगढ़, 29 जुलाई: हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा के साथ ही हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी 2022 को दी मंजूरी दी गई। इसके अलावा हरियाणा में वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के मोटर वाहनों पर लगाए जाने वाले मोटर वाहन कर की जुर्माना (पैनल्टी) दरों को युक्तिसंगत और संशोधित करने का निर्णय लिया है। रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने और किफायती आवास परियोजनाओं का लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार ने दीन दयाल जन आवास योजना-अफोर्डेबल प्लॉटेड हाउसिंग पॉलिसी, 2016 में 50 प्रतिशत बिक्री योग्य क्षेत्र को फ्रीज करने के प्रावधान को हटा दिया है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दीन दयाल जन आवास योजना-अफोर्डेबल प्लॉटेड हाउसिंग पॉलिसी, 2016 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। परियोजना के पूरा होने में किसी भी संभावित चूक के विरुद्ध सुरक्षा के मामले में, अब कॉलोनाइजर को निदेशक के पक्ष में इंटरनल डेवलपमेंट वर्क्स और ईडीसी के लिए आवश्यक बैंक गारंटी के विरूद्ध 10 प्रतिशत बिक्री योग्य क्षेत्र को कवर करने वाले आवासीय भूखंडों को मोर्टगेज रखना होगा। नए संशोधन के अनुसार, कॉलोनी के निवासियों के बड़े पैमाने पर उपयोग और सामुदायिक सुविधा के प्रावधान के लिए डेवलपर को अपनी लागत पर आवश्यकता-आधारित कम्यूनिटी साइट के निर्माण के लिए अतिरिक्त विकल्प मिलेगा। इसके अलावा, कॉलोनाइजर को ऐसे सामुदायिक भवन से सदस्यता शुल्क/ फीस जैसे कोई लाभ अर्जित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी – 2022 को मंजूरी
इसके साथ ही हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी – 2022 को मंजूरी प्रदान की गई। यह नीति मुख्य शहरीकरण और औद्योगीकरण उद्देश्यों के लिए लैंडबैंक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। चूंकि भूमि मालिक विकास प्रक्रिया में भागीदार होंगे, इसलिए नीति का उद्देश्य भूमि के आवंटन को रिक्त भूमि की लागत से जोडक़र उन्हें अधिकतम लाभ प्रदान करना है। नीति में विभिन्न चरणों में समय-सीमा निर्धारित की गई है ताकि भूमि मालिकों के हितों की सुरक्षित की जा सके और समयबद्ध तरीके से भूमि विकास के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके। हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी-2022 का उद्देश्य बुनियादी ढांचे के विकास सहित नियोजित विकास के उद्देश्य को प्राप्त करना और उक्त विकास में भागीदार बनने के इच्छुक भूमि मालिकों की स्वैच्छिक भागीदारी के माध्यम से भूमि प्राप्त करना है। इस नीति का उद्देश्य हरियाणा अनुसूचित सडक़ एवं नियंत्रित क्षेत्र प्रतिबंध के प्रावधानों के अनियमित विकास अधिनियम, 1963 के तहत राज्य सरकार द्वारा पब्लिशड डेवलपमेंट प्लान के निर्धारित क्षेत्र के भीतर एक सेक्टर या उसके हिस्से के विकास के लिए भूमि के पूलिंग हेतू एक निष्पक्ष और पारदर्शी तंत्र विकसित करना है।
एग्रीगेटर को 0.5 प्रतिशत पारिश्रमिक मिलेगा
यदि एग्रीगेटर के माध्यम से भूमि की पेशकश की जाती है, तो एग्रीगेटर भूस्वामियों और एग्रीगेटर के बीच सहमति के अनुसार पारिश्रमिक प्राप्त करने का पात्र होगा। बशर्ते कि पारिश्रमिक 0.5 प्रतिशत से कम न हो।
सशस्त्र बलों के परिवारों की अनुग्रह राशि में वृद्धि
इसके साथ ही हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में सशस्त्र बलों के परिवारों/दिव्यांग सैनिकों को अनुग्रह अनुदान के भुगतान के संबंध में संशोधित नीति/निर्देशों को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री की 21 अक्टूबर, 2021 की घोषणा के अनुसार, हरियाणा ने सशस्त्र बल के जो सैनिक युद्ध⁄ऑप्रेशनल क्षेत्र में, आतंकवादी गतिविधियों और प्राकृतिक आपदाओं आदि में मारे गए/दिव्यांग कर्मियों के लिए निशक्तता के आधार पर अनुग्रह अनुदान की दरों में वृद्धि की है। संशोधित दरों के अनुसार, दिव्यांग सशस्त्र बलों (सेना, नौसेना और वायु सेना) को 75 प्रतिशत या अधिक निशक्तता के मामले में 35 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जा रही है। इससे पूर्व यह राशि 15 लाख रुपए थी। इसी प्रकार, 50 प्रतिशत से 74 प्रतिशत तक निशक्तता के मामले में 25 लाख रुपए तथा 25 प्रतिशत से 49 प्रतिशत तक निशक्तता के मामले में 15 लाख रुपए अनुग्रह राशि प्रदान की जा रही है। पहले यह राशि क्रमश: 10 लाख रुपए और 5 लाख रुपए थी।
मोटर वाहन कर की बकाया राशि पर लगने वाली पैनल्टी में किया संशोधन
वहीं, हरियाणा में वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के मोटर वाहनों पर लगाए जाने वाले मोटर वाहन कर की जुर्माना (पैनल्टी) दरों को युक्तिसंगत और संशोधित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। संशोधन के अनुसार, वाहन मालिक या वह व्यक्ति, जिसके कब्जे या नियंत्रण में वाहन है, उनके द्वारा निर्धारित समय में मोटर वाहन के संबंध में देय कर भुगतान नहीं किया गया है, तो देय कर के भुगतान के अलावा वे देय कर पर 3 प्रतिशत प्रति माह की दर से पैनल्टी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे।वर्तमान में मोटर वाहन कर की बकाया राशि पर प्रत्येक दिन की देरी के लिए 0.5 प्रतिशत प्रतिदिन की दर से पैनल्टी, जोकि 15 प्रतिशत प्रति माह बनता है, तथा पैनल्टी पर 1 प्रतिशत प्रति माह की दर से साधारण ब्याज लगाया जाता है। कर प्रशासन को तर्कसंगत, सरल और कुशल बनाने के लिए यह पाया गया कि जुर्माने की दर अधिक है और बेहतर कर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए इसे युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता है।