जन सरोकार ब्यूरो।
हिसार। हिसार के गांव उमरा में लूट और पति-पत्नी की हत्या के दोषियों को कोर्ट ने बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। उमरा निवासी विजेंद्र, जॉनी उर्फ़ अनिल और बंटी ने करीब 6 साल पहले रिटायर्ड हेडमास्टर रामकुमार और उसकी पत्नी गायत्री की तेजधार हथियार से वार कर निर्मम हत्या कर दी थी। इसको लेकर दोपहर को एडीजे अमित शेरावत की कोर्ट में सजा सुनाई गई। तीनों को 10-10 हजार रुपए जुर्माना भी किया गया।
7 अक्टूबर 2016 को एमडीयू रोहतक के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर राजेश कुमार ने पुलिस को बताया था कि वह उमरा गांव का रहने वाला है और फिलहाल रोहतक में करीब 6 साल से परिवार के साथ रह रहा है। उसका छोटा भाई संजय सिलीगुड़ी में ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम कर रहा था। बड़ी बहन रोशनी हिसार रहती है। हेडमास्टर पद से रिटायर पिता रामकुमार अपनी पत्नी गायत्री के साथ गांव उमरा स्थित मकान में अकेले रहते हैं।
ताऊ लक्ष्मण गांव के मंदिर में पुजारी है, जिन्होंने फोन करके बताया था कि तुम्हारे माता-पिता को किसी ने चोटें मार कर मार दिया है। सूचना मिलते ही उमरा के मकान पर पहुंच गया था। आंगन में खून से लथपथ माता पिता की लाश पड़ी हुई थी। तेज हथियारों से वार करके उनकी हत्या की गई थी। कमरे की अलमारी व संधू खुले हुए सामान बिखरा हुआ था।
ताऊ लक्ष्मण ने बताया कि तुम्हारे पिता रामकुमार रोज सुबह उसका खाना मंदिर में दे कर आते थे। इस बार नहीं आए तो घर जाकर देखा तो मेन दरवाजा अंदर से बंद मिला था। आवाज लगाने पर दरवाजा न खोलने पर पड़ोसियों की मदद से दरवाजा खोला गया। अंदर जाने पर दोनों के खून से लथपथ शव मिले थे। लूट के इरादे से 5 और 6 अक्टूबर की रात को उनकी हत्या की गई थी। पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद उमरा गांव के ही विजेंद्र, जॉनी उर्फ़ अनिल और बंटी को गिरफ्तार किया था।