जस्टिस एमआर शाह और कृष्ण मुरारी की बेंच ने कहा- अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र नहीं है बेटी, क्योंकि कर्मचारी की मौत को बीत चुके कई साल
जन सरोकार | दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति को लेकर एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा है कि एक विवाहित बेटी को उसकी मृत मां पर आश्रित नहीं कहा जा सकता, इसलिए वह अनुकंपा नियुक्ति के लिए नहीं है। जस्टिस एमआर शाह और कृष्ण मुरारी की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में बेटी अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र नहीं है क्योंकि मृत कर्मचारी की मौत को कई साल हो चुके हैं। यहां बता दें कि यह टिप्पणियां उक्त खंडपीठ ने महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण और बॉम्बे हाई कोर्ट की द्वारा पारित आदेशों को चुनौती देने वाली एक अपील पर पर की हैं। कोर्ट ने संबंधित कंपनी को प्रतिवादी के आवेदन पर विचार करने के निर्देश दिये हैं। यहां बता दें कि इस मामले में प्रतिवादी के पिता कलर्क पद पर थे तथा उनके मरने के बाद उसकी मां को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी लेकिन उसका भी निधन होने के बाद अब प्रतिवादी उस पोस्ट पर अनुकंपा नियुक्ति मांग रही है। क्योंकि बेटी विवाहित है इसलिए उसकी अनुकंपा नियुक्ति को अस्वीकार कर दिया गया है।