पहाड़ की चोटी पर छेनी-हथौड़ा से बना डाला तालाब
माउंटेन मैन के नाम से पहचान बनाने वाले बिहार के दशरथ मांझी की तरह हरियाणा के चरखी दादरी जिले के कल्लू राम ने भी पहाड़ का सीना चीर कर कमाल कर दिया है. चरखी दादरी के गांव अटेला कलां के 90 साल के कल्लू राम ने करीब 4000 फुट ऊंचे पहाड़ की चोटी पर तालाब बना दिया है. खास बात यह है कि बेजुबान पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए अकेले अपने दम पर छेनी हथोड़ा और अन्य औजारों की मदद से कल्लू राम ने तालाब बनाकर अनूठी मिसाल पेश की है. उनकी कहानी निश्चित रूप से प्रेरणादायक है.
करीब 50 साल तक छेनी, हथौड़े से 4000 फीट की ऊंचाई पर पहाड़ की चोटी पर बनाया तालाब
कल्लू राम ने बेजुबान पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए अरावली श्रृंखला के पहाड़ की चोटी पर अकेले अपने दम पर छेनी-हथौड़ा व अन्य औजारों की मदद से तालाब बनाकर अनूठी मिसाल पेश की है। यह तालाब बनाने में कल्लूराम को करीब 50 वर्ष लग गए। उनके बनाए तालाब से अब पहाड़ पर रहने वाले पशु-पक्षी प्यास बुझा रहे हैं। कल्लूराम ने बताया कि जब वह 18-20 साल के थे, तो रोजाना गायों व बकरियों को चराने पहाड़ पर जाते थे, लेकिन पहाड़ पर पशु-पक्षियों के पानी पीने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। एक दिन उनकी गाय ने पानी के अभाव में पहाड़ पर दम तोड़ दिया। आर्य समाज से प्रभावित कल्लूराम के मन को इस पीड़ा हुई और यह टीस बन गई।
गांव के लोगों के साथ स्वजनों ने रोका,लेकिन प्रण से नहीं डिगे
इसके बाद उन्होंने पशु-पक्षियों के लिए पहाड़ की चोटी पर तालाब बनाने का प्रण ले लिया। इसके बाद वह तालाब बनाने के लिए रोजाना छेनी-हथौड़ा लेकर पहाड़ पर जाने लगे। इस काम को असंभव मानते हुए गांव के लोगों के साथ-साथ स्वजनों ने भी उन्हें रोका, लेकिन कल्लूराम अपने निश्चय से डिगे नहीं। यह सिलसिला कई दशक तक चलता रहा। कल्लूराम बताते हैं कि इस दौरान कई बार उनका सामना जंगली जानवरों से भी हुआ, लेकिन वेह इसे भगवान का आशीर्वाद ही मानते हैं कि किसी भी जानवर ने उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया। कल्लूराम की करीब 50 साल की कड़ी मेहनत रंग लाई और वर्ष 2010 में पहाड़ की चोटी पर करीब 70 फीट लंबा, 65 फीट चौड़ा व 35 फीट गहरा तालाब बनकर तैयार हो गया।