राजकीय चिकित्सक के परामर्श पर निशुल्क योजना से दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी। राजस्थान वित्त विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
जयपुर, 11 मई। राजस्थान में कोरोना वायरस विक्राल रूल लेता जा रहा है। प्रदेश में स्थिति भयानक स्थिति में पहुंचती जा रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार के सामने कई तरह की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। वहीं इस महामारी के बीच राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुजुर्गों को बड़ी राहत दी है। अब वरिष्ठ नागरिकों को राजकीय चिकित्सक के परामर्श पर मुख्यमंत्री निशुल्क योजना से दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी। वित्त विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर वित्त विभाग ने इसके आदेश जारी किए हैं। दरअसल राज्य सरकार के संज्ञान में आया था कि वरिष्ठ नागरिक एवं अन्य रोगी जिनकी गंभीर बीमारियों की नियमित दवाएं चलती हैं वे कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण ना तो अस्पताल जा पा रहे हैं और ना ही राजकीय चिकित्सक से परामर्श प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए 10 अप्रैल 2021 या उसके बाद के राजकीय चिकित्सकीय परामर्श के आधार पर नियमित दवाएं मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। चिकित्सकीय परामर्श की पर्ची की दवा राज्य के किसी भी अस्पताल / सीएचसी / पीएचसी से प्राप्त की जा सकती है। कैमिस्टों को जारी किए गए निर्देश इसके साथ ही राजस्थान राज्य के समस्त कैमिस्टों को निर्देश दिये गये हैं कि 10 अप्रैल 2021 के बाद के चिकित्सकीय परामर्श के आधार पर जो दवायें मरीज को नियमित रूप से दिया जाना आवश्यक हो वो उपलब्ध कराई जाएं। इसके साथ ही चिकित्सकीय परामर्श पर्ची पर ‘दवा उपलब्ध करवा दी गई’ लिखते हुए अपनी मुहर भी लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अखिल अरोड़ा के आदेश के अनुसार उक्त आदेश राज्य में लॉकडाउन समाप्त होने पर स्वत: ही निष्प्रभावी हो जायेंगे।