नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर भले ही मंद पड़ रही है लेकिन सरकार अब बिना लापरवाही बरते कम समय में ज्यादा से ज्यादा आबादी को कोरोना रोधी टीका लगाना चाहती है। इसके लिए शहरों में तो बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चल रहा है लेकिन देश के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले अभी भी टीके की किल्लत से जूझ रहे हैं। हालांकि, जल्द ही यह समस्या भी दूर होने वाली है क्योंकि देश के सुदूर इलाकों में रहने वाले लोगों तक जल्द ही ड्रोन के जरिए वैक्सीन पहुंचाई जाएगी। इसके लिए इंडिया काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से एचएलएल इन्फ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड ने शुक्रवार को इस संबंध में अनमैन्ड एरियल व्हीकल या ड्रोन के जरिए वैक्सीन पहुंचाने के लिए निविदाएं भी आमंत्रित की हैं। कंपनी ने आवेदन के लिए प्रपत्र भी जारी कर दिया है। एचएलएल ने बताया है कि इस योजना के लिए यूएवी में कौन से स्पेसिफिकेशन होने चाहिए। कंपनी के नोट के मुताबिक, ड्रोन 100 मीटर की ऊंचाई पर कम-से-कम 35 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करने में सक्षम होना चाहिए। इसके अलावा यह कम-से-कम 4 किलोग्राम का वजन उठाने और वापस अपने स्टेशन या केंद्र पर आने में सक्षम होना चाहिए। एचएलएल ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पैराशूट आधारित डिलिवरी को प्रमुखता नहीं दी जाएगी। यह समझौता 90 दिनों के लिए मान्य रहेगा और यूएवी ऑपरेटर की परफॉर्मेंस के साथ ही अभियान की जरूरत आधार पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि दो महीने पहले ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने आईसीएमआर को ड्रोन से कोविड-19 वैक्सीन डिलिवरी करने को लेकर अध्ययन करने के लिए छूट दी थी। आईसीएमआर ने इस प्रोजेक्ट के लिए आईआईटी-कानपुर के साथ पार्टनरशिप की है। केंद्र सरकार के मुताबिक, आईसीएमआर को मिली यह छूट अगला आदेश आने से पहले एक साल के लिए वैध है।
अब देश के सुदूर इलाकों तक ड्रोन से वैक्सीन पहुंचाएगी मोदी सरकार
By Jan Sarokar
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