मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खरकड़ी में किया क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र का शिलान्यास
चंडीगढ़, 19 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को किए गए आह्वान पर काम करते हुए हरियाणा सरकार ने अनुसंधान की दिशा में काम शुरू कर दिया है। 76वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान’ का नया नारा दिया था। प्रधानमंत्री के आह्वान के महज 7 दिनों में ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में हरियाणा में अनुसंधान के दो नए केंद्रों का शिलान्यास किया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल भिवानी के खरकड़ी में क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र तथा पशुविज्ञान केंद्र बहल का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि प्रधान हरियाणा में कृषि क्षेत्र के लिए आज एक विशेष दिन है। आज हमने परंपरागत खाद्यान्नों की खेती के स्थान पर नए युग की जरूरतों के अनुसार नई तकनीक की नई खेती के लिए मील के 2 पत्थर स्थापित किए हैं। मुझे विश्वास है कि दोनों विश्वविद्यालयों के ये दोनों क्षेत्रीय केंद्र हमारे कृषि क्षेत्र में अनुसंधान के बल पर अपनी विशेष पहचान बनाएंगे। इनके अलावा मुख्यमंत्री ने आज इस क्षेत्र की 224.56 करोड़ रुपये लागत की 16 परियोजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास भी किए हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नायक जाति के लोगों की अनुसूचित जाति में जोड़ने की मांग पर आश्वसन देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार उनके पीछे खड़ी है। उन्होंने कहा कि इस बारे केंद्र से बात हुई है और अगले एक महीने में केंद्र के साथ मीटिंग कर इस बारे फिर से चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कई स्थानीय मांगों पर भी अपनी स्वीकृति दी। उन्होंने पीडब्ल्यूडी की 14 सड़कों के लिए कुल 26 करोड़ रुपए मंजूर किए। वहीं मार्केंटिंग बोर्ड की नई 32 सड़कें और रिपेयर होने वाली सड़कों के लिए 20 करोड़ रुपए दिए। मुख्यमंत्री ने जिम, सामुदायिक भवन, पीएचसी और सीएचसी की मांग पर लोगों को आश्वस्त किया कि इसे लेकर विभाग को कह दिया है, जैसे ही फिजिबलिटी रिपोर्ट आएगी इस पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग से संबंधित मांगों को पूरा करने का आश्वसन दिया। मनोहर लाल ने इस दौरान घोषणा की कि सिंघानी शहीदों का गांव हैं, उस गांव में जगह उपलब्ध होने पर शहीदी स्मारक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्राम पंचायत खरकड़ी का धन्यवाद किया जिसने इस क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के लिए 120 एकड़ जमीन प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इस केंद्र पर लगभग 39 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह 2 वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा। इसमें बागवानी उत्पादन से संबंधित सभी विषयों पर अनुसंधान कार्य किया जाएगा। इसमें देश-विदेशों में उपलब्ध फलों, सब्जियों, औषधीय और सुगंधित पौधों, मसालों आदि की किस्मों का संग्रह किया जाएगा। उनकी उन्नत व संकर किस्मों का विकास किया जाएगा, जो कीटों और रोगों की प्रतिरोधी होंगी। यहां पर किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले पौधे व बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे। नई प्रौद्योगिकियों का विकास, फलों, सब्जियों, बीज मसालों आदि के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन की पहले से विकसित प्रौद्योगिकियों पर और अनुसंधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय पशुपालन में हमारा भरपूर सहयोग कर रहा है। आज इस विश्वविद्यालय के हरियाणा पशु विज्ञान केंद्र, बहल का भी नींव पत्थर रखा गया है। यह केंद्र 9 एकड़ 4 कनाल भूमि पर लगभग 9 करोड़ रुपये की लागत से 2 वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा। यह केंद्र पशुपालकों के लिए अत्यंत कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य पशुओं के विभिन्न रोगों के निदान और उपचार की सुविधा प्रदान करना है। इस केंद्र के बनने से स्थानीय लोगों को अपने पशुओं के इलाज के लिए हिसार या महेंद्रगढ़ नहीं जाना पड़ेगा। इस केंद्र के माध्यम से किसानों के पशुओं की बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूक किया जाएगा। इस केंद्र में पशुओं की शल्य चिकित्सा, प्रसूति, डायग्नोस्टिक लैब और एक्सरे की सुविधाएं भी होंगी। यह केंद्र भिवानी जिले में मत्स्य पालन को बढ़ाने का काम भी करेगा। मनोहर लाल ने कहा कि हमारी सरकार बागवानी क्षेत्र में महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय और पशुपालन क्षेत्र में लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय को चौधरी चरण सिंह हरियाण कृषि विश्वविद्यालय के समान विश्व पटल पर लाने के लिए कृतसंकल्प हैं। इसीलिए इनके पंख क्षेत्रीय केंद्रों के रूप मे राज्यभर में फैलाए जा रहे हैं। मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश को एशिया के विख्यात विश्वविद्यालय चौधरी चरण सिंह हरियाण कृषि विश्वविद्यालय के लिए जाना जाता है। उस विश्वविद्यालय ने न केवल हरियाणा बल्कि देशभर में कृषि को आधुनिक तकनीक देकर खाद्यान्नों में आत्मनिर्भर बनाने में बड़ा योगदान किया है। लेकिन अब समय आ गया है कि कृषि में खाद्यान्न के अलावा दूसरे क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दिया जाए ताकि दैनिक जीवन की जरूरतों के कृषि उत्पादों में संतुलन स्थापित हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कृषि नीति में बदलाव करना वक्त की जरूरत है। हम ऐसा बदलाव कर रहे हैं, जिससे लागत कम हो, पानी की कम जरूरत पड़े, पर्यावरण की सुरक्षा हो, उत्तम कोटि के उत्पाद मिलें और किसानों व कृषि क्षेत्र पर निर्भर सब लोगों को अच्छी आय प्राप्त हो। आज जिन 2 क्षेत्रीय केंद्रों का शिलान्यास किया गया है। ये हमारे इस लक्ष्य की प्राप्ति में अत्यंत मददगार साबित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार प्रदेश में कृषि क्षेत्र को नई उंचाईयों पर ले जाने के लिए निरंतर काम कर रही है। प्रदेश में कृषि क्षेत्र में बागवानी और पशुपालन का शेयर बढ़ रहा है। यह हमारी फसल विविधिकरण की नीतियों का परिणाम है। फसल विविधिकरण के लिए बागवानी भी एक उत्तम उपाय है। वर्तमान में हरियाणा के कुल फसल क्षेत्र के लगभग 7 प्रतिशत में बागवानी होती है। हमारा लक्ष्य इसे वर्ष 2030 तक 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का है। बागवानी को बढ़ावा देने की ही दिशा में हमने बागवानी के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियों वाले 14 उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किये हैं। इनमें 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का निवेश हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पशुपालन को बढ़ावा देकर पशुपालकों की आय बढ़ाने का काम किया है। हमारा लक्ष्य दुग्ध उत्पादन में हरियाणा को नंबर 1 करने का है। पशु केवल पशु नहीं हमारे किसानों के सुख दुख का साथी है। श्री मनोहर लाल ने कहा कि कोविड की तरह पशुओं में लंपी की बीमारी फैल रही है, हमें इस वक्त में एहतियात बरतना होगा। प्रदेश सरकार 20 लाख पशुओं का वैक्सीनेशन कराएगी। 3 लाख वैक्सीन हमारे पास उपलब्ध हैं और 17 लाख वैक्सीन का आर्डर दिया गया है। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जय प्रकाश दलाल, सांसद धर्मबीर सिंह, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय, करनाल के कुलपति प्रो. समर सिंह तथा लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।