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Monday, November 25, 2024
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7 सितंबर से पहले पंचायती चुनाव का होगा ऐलान!

–पिछड़ा वर्ग आयोग ने रिपोर्ट दी सरकार को, कैबीनेट की मीटिंग में सरकार ने रिपोर्ट को किया स्वीकृत

-राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत्त सिंह बोले, एक-डेढ़ माह के बीच चुनाव हो जाएंगे

-जल्द जारी होगा शैड्यूल, सरपंच बनने के चाहवानों का इंतजार अब होगा खत्म

चंडीगढ़, 31 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): हरियाणा में अब जल्द ही पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिसूचना जारी की जा सकती है। पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से आरक्षण के संदर्भ में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौंप दी। हरियाणा की कैबीनेट की बुधवार को हुई बैठक में पिछड़ा वर्ग की रिपोर्ट को सरकार ने स्वीकृति भी प्रदान कर दी। अब सरकार की ओर से आयोग को यह रिपोर्ट दी जाएगी। आयोग भी इसी रिपोर्ट के इंतजार में था। ऐसा माना जा रहा है सितंबर के पहले सप्ताह में पंचायती चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। चुनाव दो चरणों में करवाए जाने के संकेत राज्य चुनाव आयुक्त धनपत्त सिंह ने दिए हैं। पहले चरण में जिला परिषद और पंचायत समिति के सदस्यों के चुनाव करवाए जाएंगे। इसके दो-तीन दिन बाद पंचायत सदस्यों और सरपंचों के चुनाव करवाए जाने हैं।
गौरतलब है कि पंचायती राज प्रणाली के चुनाव को लेकर चुनाव लडऩे के इच्छुक लोगों का इंतजार लगातार लंबा हो रहा है, तो इस चुनाव में लगातार हो रही देरी को लेकर सरकार की भी बेवजह किरकिरी हो रही है। अब चुनाव करवाए जाने के आसार बनते नजर आ रहे हैं। राज्य में 6,228 सरपंचों के अलावा 411 जिला परिषद सदस्यों, 3080 पंचायत समिति सदस्यों और करीब 62 हजार पंचायत सदस्यों के चुनाव होने हैं। हिसार और गुडग़ांव में परिसीमन के चलते कुछ गांवों, पंचायत समिति और जिला परिषद का स्वरूप बदला है। इस फेरबदल के चलते यहां पर वार्डबंदी, वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग ने गुरुग्राम और हिसार के उपायुक्तों को पहले ही 17 अगस्त को पत्र लिखकर आवश्यक औपचारिकताएं 5 सितंबर तक पूरे करने के आदेश दिए हुए हैं। चुनाव आयोग एक तरह से चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है। जैसे ही पिछड़ा वर्ग की रिपोर्ट आयोग को मिलेगी, उसके चुनाव का शैड्यूल जारी कर दिया जाएगा। चुनाव सितंबर के पहले सप्ताह में घोषित होने की संभावना है और उम्मीद है कि मतदान अक्तूबर के पहले सप्ताह में हो। चुनाव दो चरणों में करवाया जाएगा। पिछड़ा वर्ग की रिपोर्ट को लेकर बुधवार को हरियाणा की कैबीनेट की एक अहम बैठक मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई। 1 सितंबर को फिर बैठक होगी। ऐसी उम्मीद है कि वीरवार को होनी वाली बैठक के बाद सरकार अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप देगी। पंचायत एवं विकास विभाग पहले से ही आयोग को तीस सितंबर तक चुना करवाए जाने के निर्देश दे चुका है।
चुनाव पहले से ही डेढ़ साल लेट, मुझे अच्छा फील नहीं हो रहा: राज्य चुनाव आयुक्त
वहीं मीडिया से बातचीत में राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से चुनाव नहीं हो सके हैं। यह मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा, लेकिन हमारी तरफ से अब पूरी तैयारी की जा चुकी है। उन्होंने संकेत दिया कि आयोग की ओर से अक्तूबर के पहले सप्ताह में चुनाव करवाए जाएंगे और जल्द से जल्द पंचायत चुनाव को लेकर खाका तैयार कर लिया गया है। आयोग का कहना है कि जैसे ही वार्ड वाइज रिजर्वेशन की लिस्ट मिलेगी, वैसे ही चुनाव का शेड्यूल भी जारी कर दिया जाएगा। चुनाव आयुक्त ने फिर दोहराया कि हरियाणा में पंचायत चुनाव 2 चरणों में होंगे। धनपत्त सिंह ने यह भी साफ कर दिया कि चुनाव घोषणा होने के बाद चुनाव कराने में कम से कम एक माह का वक्त लगेगा और हमारी तरफ से चुनाव की सारी तैयारी की जा चुकी है।
कैबीनेट में पिछड़ा वर्ग की रिपोर्ट को दी स्वीकृति
वहीं बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में कैबीनेट की बैठक में पंचायती राज संस्थानों में पिछड़ा वर्ग (ए) के राजनीतिक आरक्षण अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए इस संबंध में हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई। आयोग की रिपोर्ट में पिछड़ा वर्ग-श्रेणी ए. के लोगों को राजनीतिक तौर पर प्रतिनिधित्व न होने के कारण उन्हें पंचायती राज संस्थानों में राजनीतिक आरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। वैसे पिछड़ा वर्ग आयोग ने केवल पंचायती राज संस्थानों में ऐसा प्रावधान किए जाने के लिए पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के अनुपात की ही सिफारिश की है, इसलिए संबंधित विभाग किसी भी स्तर पर पिछड़े वर्ग (ए) के लिए आरक्षित की जाने वाली सीटों के रोटेशन को तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
आयोग के पास 70 हजार ईवीएम, 40 हजार से हो जाएंगे चुनाव
वहीं, चुनाव कराने के लिए आयोग की ओर से जिला स्तर पर आवश्यक सामग्री भेजी जा चुकी है। जहां बजट की जरूरत थी, वहां बजट भेजा जा चुका है। आयोग के पास करीब 70 हजार ईवीएम हैं, जिनमें से इन चुनावों के लिए लगभग 40 हजार पर्याप्त होंगी। भारत कंपनी की ओर ईवीएम की जांच की जा चुकी है। बैलेट पेपर्स छपवाने का कार्य नोमिनेशन से नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होने तक के बाद करवा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंचों के लिए बैलेट पेपर्स की आवश्यकता ज्यादा रहेगी। गांवों में 7 से लेकर 20 तक वार्ड होने के कारण पंच पदों के प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा रहेगी। उन्होंने कहा कि घोषणा के बाद एक माह के अंदर चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

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