हरियाणा व हिमालयी क्षेत्रों में दिख सकता है प्रभाव
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने 19 और 20 मई को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए सभी डीसीज को स्थिति पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिए हैं और कहा है कि किसी भी विपरीत स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन संसाधनों को अपने पास पूरी तत्परता से रखें और इस संबंध में जनता को आवश्यक एडवाइजरी जारी करें। सरकार की तरफ से राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि वेस्टर्न डिस्टरबेेंस के कारण पश्चिम समुद्री तट पर ताऊते नाम का एक चक्रवात उत्पन्न हुआ है और हरियाणा तथा आसपास के हिमालयी क्षेत्रों में इसका प्रभाव देखने की संभावनाएं हैं।
न्होंने कहा कि इसके अलावा, उत्तर पश्चिम भारत में भी अरब सागर से उठने वाली लहरों के कारण आसमान में अधिक नमी होने की संभावना है। इसलिए 19 और 20 मई को हरियाणा के अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने के साथ-साथ उत्तर-पश्चिम भारत (जम्मू एवं कश्मीर को छोडकर) में व्यापक वर्षा होने की संभावना है। हरियाणा के अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ आंधी के साथ बारिश की तेज बौछारें आने की आशंका है, जिसकी रफ्तार 50-60 किलो मीटर प्रति घंटे हो सकती है।
उन्होंने कहा कि इस समय क्या करें और क्या न करें की एडवाइजरी जारी की है। डीसीÓज को आपदा प्रबंधन की तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें कहा गया है कि नागरिकों को बताएं कि
घनघोर होते हुए आसमान और बढ़ती हुई हवा के वेग पर नजर रखेंं। यदि आप गडगड़ाहट सुनते हैं तो बिजली गिरने के काफी संभावना होती है। स्थानीय मीडिया को से अपडेट लेते रहें और चेतावनी के निर्देशों की निगरानी करते रहें। घर के अंदर रहें और हो सके तो यात्रा से बचें। खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें और अपने घर के बाहर सुरक्षित वस्तुओं (जैसे फर्नीचर, डिब्बे आदि) को सुरक्षित रखें। सुनिश्चित करें कि बच्चे और जानवर अंदर हैं। अनावश्यक बिजली के उपकरणों को अनप्लग करें। पेड़ की लकड़ी या किसी अन्य मलबे को हटा दें क्योंकि तेज हवा से दुर्घटना हो सकती है। नहाने या शॉवर लेने से बचें और बहते पानी से दूर रहें। ऐसा इसलिए है क्योंकि बिजली धातु के पाइपों के साथ आ सकती है।