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Sunday, November 24, 2024
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राव इंद्रजीत का दर्द आया जुबां पर

-रेवाड़ी में समर्थकों के साथ बैठक, कहा पार्टी को जयचंदों पर लेना चाहिए था एक्शन

रेवाड़ी, 16 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): गुरुग्राम के सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मंगलवार को अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं पर सवालिया निशान लगाए। राव मंगलवाल को अपने समर्थक अजय पटौदा के निवास पर अपने समर्थकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। राव ने इस दौरान अपने दर्द का इजहार करते हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी बेटी आरती राव कोरेवाड़ी से टिकट नहीं मिला। राव ने कहा कि जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों को हराने का काम किया, उन्हें पार्टी ने तुरंत माफ कर दिया। पार्टी के दायरे से बाहर होकर काम करने वाले ऐसे जयचंदों को कम से कम 6 साल के लिए निष्कासित करना चाहिए था, मगर अफसोस कि ऐसा नहीं हुआ। उल्टा उन्हें इनाम दिया गया।
गौरतलब है कि राव पिछले करीब साढ़े आठ वर्ष से भाजपा में हैं। 2014 और 2019म ें गुरुग्राम से सांसद बने और वर्तमान में केंद्र में मंत्री हैं। अहीरवाल के सबसे बड़े नेता हैं। उनके पिता राव बीरेंद्र सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने रेवाड़ी से आरती की जगह सुनील मुसेपुर को टिकट दी गई। राव ने मंगलवाल को अपने समर्थकों की बैठक में कहा कि फिर भी उन्होंने मुसेपुर की जीत के लिए भरसक प्रयास किए। सुनील मुसेपुर की हार उनकी वजह से नहीं, बल्कि भाजपा के जयचंदों की वजह से हुई। इंसाफ मंच के साथियों ने तो मुसेपुर की जीत के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सुनील मुसेपुर को टिकट दी थी, जिसके बाद पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास ने बगावत का झंडा बुलंद करके निर्दलीय चुनाव लड़ा और भाजपा के कुछ बड़े नेताओं ने अंदरखाने पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार किया, जिसकी वजह से भाजपा रेवाड़ी सीट हार गई और यहां से कांग्रेस प्रत्याशी चिरंजीव राव विधायक बनने में कामयाब हुए। दरअसल, चुनाव में मिली हार के बाद ही केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने खुलकर पार्टी में भीतरघात करने वालों के खिलाफ आवाज उठाई। इनमें रणधीर सिंह कापड़ीवास और डॉ. अरविंद यादव दो ऐसे नाम थे, जिनके खिलाफ राव इन्द्रजीत खुलकर मुखर रहे, लेकिन राव के विरोध के बीच डॉ. अरविंद यादव को हरको बैंक का चेयरमैन बना दिया गया, जिसकी टसक रह-रह कर राव इन्द्रजीत की जुबां पर आ ही जाती है। मंगलवार को भी बगैर नाम लिए राव ने इन्हीं दोनों नेताओं पर निशाना साधा। गौरतलब है कि राव इंद्रजीत सिंह पांच बार सांसद रह चुके हैं और वे अपनी बेटी आरती राव को सक्रिय राजनीति में लाना चाहते हैं। इसी को लेकर 2014 में कांग्रेस छोडऩे के बाद इंद्रजीत ने इंसाफ मंच बनाया और फिर भाजपा में शामिल हो गए थे।

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