हरियाणा सहित इन राज्यों में अभी और भारी बारिश का अलर्ट
करनाल: मानसून की मेहरबानी के चलते उत्तर भारत सहित देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। मध्य क्षोभमंडल स्तरों में दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत पर कतरनी क्षेत्र चलने और अगले चार-पांच दिन में इसके धीरे-धीरे उत्तर की ओर स्थानांतरित होने की संभावना है। ऐसे में जुलाई के दूसरे पखवाड़े में हुई अच्छी बारिश की तर्ज पर अब अगस्त में भी अगले कुछ दिन में यह सिलसिला और जोर पकड़ सकता. मौसम के मौजूदा हाल की बात करें तो देश में सिक्किम, तमिलनाडु और असम में अलग-अलग स्थानों पर अत्याधिक बारिश रिकार्ड की गई। जबकि पंजाब, हरियाणा व पश्चिम राजस्थान सहित ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, रायल सीमा और केरल में भी अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हुई। इसी तरह हिमाचल प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। दरअसल इस बार प्रदेश में मानसून बहुत अधिक प्रभावी है। प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले चार दिन से बरसात का सिलसिला जारी है। भारी बरसात के चलते शहरों-कस्बों में जलभराव हो गया है तो सबसे अधिक मार किसानों को झेलनी पड़ रही है। भारतीय मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में 1 जुलाई से 31 जुलाई तक औसत से 20 प्रतिशत से 150 प्रतिशत तक अधिक बरसात हरियाणा के विभिन्न जिलों में हुई है। अंबाला, यमुनानगर और फरीदाबाद जिलों को छोडक़र शेष जिलों में औसत से अधिक बरसात हुई है। फतेहाबाद में औसत से 127, सिरसा में 59, जींद में 64, कैथल में 101 प्रतिशत अधिक बरसात एक माह की अवधि में दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार पिछले एक माह में भिवानी में 152 मिलीमीटर, चरखी दादरी में 241, महेंदगढ़ में 240, रेवाड़ी में 219, गुरुग्राम में 246, नुंह में 235, फतेहाबाद में 291, हिसार में 221, कैथल में 262, हिसार में 221, कुरुक्षेत्र में 362, करनाल में 352, पलवल में 245, फरीदाबाद में 115, झज्जर में 309, रोहतक में 306, सोनीपत में 214, पानीपत में 332, अंबाला में 250, यमुनानगर में 303 और जींद में 211 एमएम बरसात दर्ज की गई है। फतेहाबाद, सिरसा, कुरुक्षेत्र, रोहतक, करनाल में तो बरसात ने पिछले दो दशक के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।