पुलिस मुठभेड़ के बाद जींद पुलिस के हाथ लगे कौशल गैंग के गुर्गे शोभित ने पुलिस पूछताछ में अहम खुलासे किए हैं। शोभित ने बताया कि प्रदेश में लारेंस बिश्नोई गैंग का दबदबा है। कौशल गैंग इस दबदबे को खत्म करना चाहती है। इसलिए लोगों में दहशत फैलाने तथा रंगदारी मांगने की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।
लारेंस बिश्नोई गैंस से अधिक वारदात करके ही कौशल गैंग का नाम हो सकता है। इसलिए असंध के मीनाक्षी अस्पताल में गोलियां चलाई गई थीं। इसके अलावा कुछ अन्य जगह गोलियां चलाने के लिए उनको 15 लाख रुपये मिले थे। यह सब वह अमेरिका में बैठे दलेर कोटिया व जेल में बंद कौशल के इशारे पर किया जा रहा है।
शोभित से रिमांड के दौरान पूछताछ में सामने आया है कि वे दोनों अमेरिका में बैठे गैंग के एक सरगना दलेर कोटिया तथा कौशल गैंग के सरगना कौशल के इशारों पर काम कर रहे थे। कौशल जेल में बंद है, जबकि दलेर कोटिया अमेरिका में बैठकर गैंग चला रहा है। शोभित तथा मोहित को गैंग का नाम कमाने व गैंग के नाम की लोगों में दहशत फैलाने के लिए 15 लाख रुपये दिए गए थे।
यह दोनों काफी समय से गैंग के लिए काम कर रहे हैं। हरियाणा के अलावा पंजाब समेत अन्य राज्यों में लारेंस बिश्नोई गैंग का दबदबा है। इस दबदबे को खत्म करने के लिए ही उनको भेजा गया था। कौशल गैंग अब अपने नाम से लोगों को डराना चाहती है। जितनी अधिक दहशत होगी, उतने ही लोग अधिक रंगदारी देंगे। शोभित ने पूछताछ में खुलासा किया कि उनको दलेर कोटिया विक्रमी ऐप एवं इंस्टाग्राम के माध्यम से निर्देश देते थे। वह इन ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड करते थे और बातचीत के बाद फिर से इन ऐप को हटा देते थे। जब भी बात करने की जरूरत महसूस होती, वह फिर से इन ऐप का डाउनलोड कर लेते थे और हर बार अलग-अलग आईडी से ऑपरेट करते थे। हर रोज की बजाय दलेर कोटिया उनसे कई-कई दिन में बात करते थे। जब भी बात होती, उसके अगली बातचीत की तारीख व समय तय कर लिया जाता ताकि वह उसी समय इन ऐप को डाउनलोड करके बातचीत कर सकें।