कहा- बिना सुरक्षा उपकरण, बिना बीमा कवरेज, बिना कोरोना संस्कार के लिए जोखिम भत्ता दिए बेगार ले रही है सरकार

फतेहाबाद। कोरोना महामारी में अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने वाले ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने बिना किसी देरी के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो वे कोविड सैंटरों में साफ-सफाई और कोरोना संक्रमितों के शवों का दाह संस्कार का बहिष्कार कर केवल ग्राम स्तर पर सफाई करेंगे और आंदोलन को तेज किया जाएगा। उन्होंने सभी कर्मचारियों को कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा उपकरण, कोरोना काल में 50 लाख का बीमा कवरेज, कोरोना मृतक का दाह संस्कार करने के लिए 2 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि तथा 4 अप्रैल को सीएम द्वारा घोषित 14 हजार रुपये वेतन का पत्र जारी करने की मांग की है। इसे लेकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने आज कार्य के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध दिवस मनाया।
‘कर्मचारियों के स्वास्थ्य व जीवन के भविष्य के बारे में सरकार को कोई चिंता नहीं है’
ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू) के जिला प्रधान बलवीर सिंह, जिला सचिव बेगराज, जिला कैशियर सतवीर सिंह, सुनील, दर्शन, गुरदास आदि ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार सफाई कर्मियों को कोरोना योद्धा की उपाधि तो दे रही है लेकिन उनकी सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। कोरोना महामारी में हर व्यक्ति अपने घर में है और सफाई कर्मचारियों से गांव की साफ-सफाई के साथ-साथ गांव में बनाए गए कोरोना सैंटरों की देखरेख, गांवों को सेनेटाइज करना, यहां तक कि कोरोना से मौत होने वाले व्यक्ति के दाह संस्कार तक का काम लिया जा रहा है, लेकिन इन कर्मचारियों के स्वास्थ्य व जीवन के भविष्य के बारे में सरकार को कोई चिंता नहीं है। सरकार के इस रुख के कारण सफाई कर्मचारियों में भय का वातावरण बना हुआ है। सरकार की बेरुखी और उपेक्षा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों से कोरोना बचाव के लिए अब तक मास्क, ग्लब्स, सेनेटाइजर, पीपीई किट आदि तक नहीं दिए गए और कोरोना मरीज की मौत होने पर दाह संस्कार करवाकर बेगार तो ले रही है लेकिन इस काम के लिए 2000 रूपये प्रोत्साहन राशि नहीं दे रही जबकि शहरी कर्मचारियों को इस काम के लिए 2000 रूपये की राशि प्रति मृतक भुगतान कर रही है। सरकार की इस बेरुखी के खिलाफ ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने जिला भर में काली पट्टी लगाकर काले झंडों के साथ विरोध दिवस मनाते हुए हरियाणा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने बिना किसी देरी के सफाई कर्मचारियों की समस्याओ का समाधान नहीं किया तो कोविड सैंटरों में साफ-सफाई और दाह संस्कार के काम का बहिष्कार किया जाएगा और केवल ग्राम स्तर की सफाई की जाएगी। यूनियन ने 22 मई को पत्र लिख कर हरियाणा सरकार से कोरोना महामारी से बचाव के सुरक्षा उपकरण और बीमा कवरेज देने की मांग की थी, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं हुई है जिससे साफ जाहिर होता है कि हरियाणा सरकार और पंचायत विभाग की नजर में हमारी और हमारे परिवार की कोई अहमियत नहीं है, हम मरें या जियें, सरकार को कोई चिंता नहीं है। कर्मचारियों को मजबूरी में आंदोलन करने का निर्णय लेना पड़ा है।