हरियाणा भवन में हुई मीटिंग में दोनों पक्षों के बीच सहमति
जन सरोकार ब्यूरो
फतेहाबाद। पिछले 11 दिन से चल रही सफाई कर्मचारियों की हड़ताल आज समाप्त हुई। नगरपालिका कर्मचारी संघ के आह्वान पर नगरपालिका व नगरपरिषद कर्मचारियों की हड़ताल शनिवार को 11वें दिन तक रही। चंडीगढ़ में हरियाणा भवन में हुई मीटिंग में दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई। सफाई कर्मियों को शहरों में फैले कूड़े को उठाने के लिए 3 दिन का समय दिया गया है। निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने हड़ताल खत्म होने की पुष्टि की है। नगरपरिषद कर्मचारियों की हड़ताल के चलते शहर में पिछले 11 दिनों से सफाई व्यवस्था ठप्प पड़ी थी। सड़कों पर पड़े कूड़े के ढेरों से उठ रहा दुर्गंध से क्षेत्र में बीमारी फैलने का भी डर बना हुआ है।
मीटिंग के बाद निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने कहा कि सफाई कर्मचारियों से सकारात्मक बातचीत हुई है। जिसके बाद हड़ताल उन्होंने वापस ले ली है। अब 10 दिन की हड़ताल में जो कचरा जमा हुआ है उसे तीन दिन में साफ करने की बात भी हुई है। हरियाणा के निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने बताया कि इन दिनों सूबे में पंचायत और आदमपुर उपचुनाव चल रहे हैं। जिलों में आचार संहिता लगी हुई है। इस कारण से कर्मचारियों के साथ हुई मीटिंग में किन बातों पर सहमति बनी है इसका खुलासा 6 नवंबर को किया जाएगा।
कर्मचारी कर रहे थे हड़ताल
फतेहाबाद नगरपरिषद कार्यालय में 11 दिनों से धरना दिए बैठे कर्मचारियों ने आज भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया और स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर बातचीत में उनकी मांगों को नहीं माना जाता तो संघ द्वारा इस हड़ताल को आगे बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी। आज के धरने की अध्यक्षता महिला नगरपालिका कर्मचारी संघ राज्य महिला कमेटी की नेता किरण बाला ने की व संचालन कर्मचारी नेता ओमप्रकाश लोट व बेगराज ने किया।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए जिला कोषाध्यक्ष नरेश राणा ने कहा कि कर्मचारी जनहित में अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार बातचीत के माध्यम से कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय दमन का रास्ता अपना रही है। प्रदेशभर में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे नगरपरिषद कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। उनक पर लाठियां बरसाई जा रही है लेकिन सरकार की ऐसी दमनात्मक कार्यवाहियों से कर्मचारी डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार बातचीत के लिए कर्मचारी नेताओं को बुलाती है वहीं दूसरी ओर बैठक में कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से सुना तक नहीं जाता। इससे प्रदेशभर के कर्मचारियों में सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर भारी रोष है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अब भी उनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करे।