कोरोना की तीसरी लहर कहीं बच्चों को अपनी जद में न ले, इसके लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं : मुख्यमंत्री मनोहर लाल
चंडीगढ़। हरियाणा में कोविड मरीजों के लिए ‘संजीवनी परियोजना’ शुरू की गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से परियोजना की शुरुआत की। परियोजना में कोविड-19 के हल्के से मध्यम लक्षणों वाले मरीजों की देखभाल तुरंत उनके घर पर ही की जाएगी। इससे उन्हें इलाज के लिए घर से नहीं निकलना होगा और न ही अस्पताल जाना पड़ेगा। सरकार के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। इससे अस्पतालों पर दबाव भी कम होगा। इस दौरान सीएम ने ब्लैक फंगस के मामलों को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सरकार सभी संभव प्रयास कर रही है। इसके अलावा भविष्य में बच्चों को इस तरह की दिक्कत न हो। इसलिए सरकार हरियाणा में बच्चों को लेकर पहले से ही तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर कहीं बच्चों को अपनी जद में न ले, इसके लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। ‘संजीवनी परियोजना’ उन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा देखभाल का विस्तार करेगी, जहां वायरस की दूसरी लहर के फैलने और इस बीमारी के इलाज के बारे में जागरूकता कम है। सरकार का मानना है कि समुचित देखभाल से 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों का घर पर ही इलाज किया जा सकता है।
ऐसे काम करेगी ‘संजीवनी परियोजना’
अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, ऑक्सीजन की आपूर्ति, एंबुलेंस ट्रैकिंग और घर-घर जागरूकता अभियान जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र प्रदान करेगी।परियोजना के तहत कोविड हॉटलाइन का संचालन होगा, जो संदिग्ध या क्लीनिक में इलाज किए गए कोविड-19 के रोगियों को बुनियादी प्रशिक्षण व मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए मौजूदा कॉल सेंटर की क्षमताओं को बढ़ाएगी। मेडिकल इंटर्न के अलावा 200 मेडिकल फाइनल ईयर और प्री-फाइनल ईयर के छात्रों को जुटाकर उन्हें सलाहकारों और विशेषज्ञों से जोड़ कर चिकित्सा सलाह के दायरे का विस्तार करेगी। कोविड-19 के हल्के से मध्यम मरीजों को उपचार और निगरानी प्रदान करने के लिए टेलीमेडिसिन व आभासी स्वास्थ्य क्षमताओं को बढ़ाएगी। होम केयर किट का वितरण किया जाएगा, जिसमें एक मास्क, एक ऑक्सीमीटर, एक थर्मामीटर और बुनियादी दवाएं शामिल हैं। अतिरिक्त एंबुलेंस की खरीद और मोबाइल फार्मेसियों का विकास किया जाएगा।