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Sunday, November 24, 2024
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बेशर्मी : एक ओर जल रही थी सोनाली की चिता, दूसरी ओर कुलदीप मांग रहे थे वोट!

-कुलदीप के बिगड़े बोल की हर तरफ निंदा, क्या चिता पर राजनीतिक रोटियां सेंकने आए थे कुलदीप?

हिसार, 27 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): शुक्रवार को एक तरफ सोनाली चिता जल रही थी, दूसरी ओर पूर्व विधायक कुलदीप बिश्रोई आदमुपर उपचुनाव और राजनीति पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। चिता से कुछ दूर शमशानघाट में कुलदीप ने एक संवेदनशील, गमगीन मौके पर राजनीति को लेकर अजीब सा बयान दिया। कुलदीप बोले, सोनाली मुझे वोट देने के लिए जरूर अपनी वर्कर्स को कहकर गई होंगी। कुलदीप के इस बयान की राजनीतिक मंचों से लेकर सामाजिक मंचों तक पर निंदा हो रही है।
दरअसल सोनाली फौगाट की मौत होने के बाद उनका शव हिसार लाया गया और शुक्रवार को हिसार के ऋषि नगर में अंतिम संस्कार किया गया। संस्कार पर कुलदीप बिश्रोई भी पहुंचे। कुलदीप बिश्रोई ने इसी साल तीन अगस्त को आदमपुर विधानसभा सीट से त्यागपत्र दिया था और छह अगस्त को वे भाजपा में शामिल हो गए थे। सोनाली फौगाट साल 2019 में कुलदीप के सामने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ी थी। कुलदीप के भाजपा में जाने के बाद से ही सोनाली लगातार आदमपुर सीट पर अपना हक जता रही थी और अपने अंदाज में लगातार प्रतिक्रियाएं भी दे रही थीं। इसी बीच 18 अगस्त को कुलदीप बिश्रोई हिसार में सोनाली फौगाट के फार्महाऊस पर उनसे मिलने पहुंचे और चाय पर चर्चा की। खुद सोनाली ने इस मुलाकात की फोटो फेसबुक पर शेयर करते हुए इसे शिष्टाचार भेंट बताया। इसके कुछ दिन बाद ही 23 अगस्त को सोनाली की गोवा में मौत हो गई। सोनाली की मौत के रहस्यों से अभी पर्दा उठना है। शुक्रवार को सोनाली का अंतिम संस्कार किया गया। छह साल पहले अपने पिता को खोने के बाद यशोधरा ने भरे मन से अपनी मां के शव को मुखाग्रि दी। इस सारे गमगीन माहौल के बीच कुलदीप राजनीतिक बयानबाजी से भी नहीं टले। चुनावों को लेकर ऐसी बात कह दी, जो नहीं कहनी चाहिए थीं। एक ओर सोनाली की चिता जल रही थी, दूसरी ओर कुलदीप आदमपुर उपचुनाव को लेकर मीडिया से बातचीत में वोटो की अपील कर रहे थे।
क्या ऐसे बचकाने बयान के बाद मिलेंगे वोट?
सोनाली अब इस दुनिया में नहीं है। सोनाली एक अभिनेत्री के साथ-साथ राजनेता भी थीं। सोनाली 2008 में राजनीति में आई और पिछले करीब तीन वर्ष से वे आदमुपर में ही पूरी तरह से एक्टिव थीं। 2019 के चुनाव में सोनाली नलवा विधानसभा से टिकट मांग रही थी। ऐन मौके पर पार्टी ने उन्हें आदमुपर सीट से टिकट दिया। आदमपुर की सीट पर हमेशा से चौधरी भजनलाल परिवार का दबदबा रहा है। सोनाली ने इस सीट पर चुनाव लडऩे की हामी भरी। एक जटिल चुनौती को स्वीकार सोनाली जैसी ही दिलेर महिला कर सकती थीं। चुनाव लड़ा। मुकाबला बेशक न दे सकी, लेकिन अक्तूबर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में करीब एक माह पहले ही आदमपुर में पांव रखने वाली सोनाली ने करीब तीस हजार से अधिक वोट लिए। इसके बाद वे लगातार तीन साल यहां पर सक्रिय रहीं। पार्टी संगठन को मजबूत किया तो उनका अपना एक व्यक्तिगत दायरा भी रहा। खैर अब बात करते हैं कुलदीप बिश्रोई और उनके उस बचकाने वाले बयान कि जो उन्होंने शुक्रवार को दिया। कुलदीप ने आदमपुर उपचुनाव को लेकर कहा कि सोनाली के समर्थकों के वोट उन्हें जरूर मिलेंगे, सोनाली ने उनसे मुलाकात में भी ऐसा वादा किया था। अब सवाल यह है कि क्या कुलदीप के इस बचकाने बयान के बाद सोनाली के समर्थकों के वोट कुलदीप को मिलेंगे? निश्चित रूप से चुनाव अभी दूर हैं और यह भी भविष्य के गर्भ में है कि कुलदीप के इस बचकाने व्यवहार का क्या असर वोटों के रूप में होगा? लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि कुलदीप की राजनीतिक और सामाजिक समझ का दायरा बड़ा छोटा है। सामाजिक तौर पर वे संस्कार में शामिल होने गए। सामाजिक विषय पर बात कर सकते थे। राजनीति पर तो उन्हें बात ही नहीं करनी चाहिए थीं। राजनीति पर न केवल बात की, बल्कि बात भी मुंह से ऐसी निकाली कि हर कोई कुलदीप के इस बिगड़े बोल को गलत करार दे रहा है। कुलदीप के इस बोल के बाद निश्चित रूप से आदमपुर में उन्हें फायदा होने की बजाय नुक्सान की आशंका ज्यादा है। वैसे यह पहला अवसर नहीं है जब कुलदीप ने कोई नासमझी वाला बयान दिया हो, इससे पहले भी लोकसभा चुनाव के बाद आए परिणाम के कुछ दिन बाद ही आदमपुर में एक सार्वजनिक सभा में कुलदीप ने अपने हलके के लोगों को वोट न देने पर काफी कुछ कह दिया था।
यह थे कुलदीप के बिगड़े बोल
शुक्रवार को सोनाली फोगाट के अंतिम संस्कार पर कुलदीप शोक जताने पहुंचे थे। इस दौरान कुलदीप ने राजनीतिक बयान दे दिया। कुलदीप ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनके जाने से पार्टी को नुकसान हुआ है। आदमपुर उपचुनाव को लेकर कुलदीप ने कहा कि ‘नि:संदेह सोनाली के वर्कर मुझे वोट देंगे। वह अपने वर्करों को वोट देने के लिए कहकर गई होंगी। अगर आज वह जिंदा होती तो मुझे और फायदा होता। मैं कुछ दिन पहले ही सोनाली से मिला था और तब हमारी राजनीति पर चर्चा हुई थी। सोनाली ने मुझसे कहा था कि आदमपुर से चाहे मैं लडूं या भव्य, वह पूर्ण रूप से हमारे साथ रहेंगी।’
राजनीति में सबसे लीचड़ लोग: जयहिंद
आम आदमी पार्टी पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने कहा कि राजनीति में दुनिया के सबसे घटिया लीचड लोग होते हैं और सबसे ज्यादा कीचड़ होता है। नेता को श्मशानघाट में भी वोट की चिंता है। सामने एक मारी गई महिला नेता की चिता जल रही है। सुना है न बाप बड़ा न भइया, सबसे बड़ा रुपया। वैसे ही कोई मरे या किसी को कितनी घातक चोट लगे, हमें चाहिए सिर्फ वोट? नवीन जयहिंद के इस बयान पर राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हु्ड्डा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सही कहा है आपने नवीन भाई, दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं आम आदमी पार्टी के नेशनल एडवाइजर अनुराग ढांडा ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि सोनाली फोगाट के अंतिम संस्कार के समय भी जिस आदमी की सोनाली के समर्थकों के वोट पर नजर हो, उसे क्या कहेंगे?

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