Friday, April 18, 2025
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आतिशबाजी और फसल अवशेष जलने से बढ़ा धुआं, प्रदेश के 11 जिले रेड और ऑरेंज जोन में आने से बढ़ी चिंता

प्रदेश के 3 जिले रेड और 8 ऑरेंज जोन में आए, दम घोंट रहा जहरीला स्मॉग

जन सरोकार ब्यूरो

चंडीगढ़। दीपावाली की रात को हुई आतिशबाजी और प्रदेश के धान उत्पादक जिलों में किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाए जाने से जिले में धुआं बढ़ गया है जिसके चलते प्रदेश के 11 जिलों में हवा सांस लेने लायक नहीं है। इन 11 जिलों में से 3 जिले रेड और 8 जिले ऑरेंज जोन में आ गए हैं। रेड जोन वाले जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से अधिक तथा ऑरेंज जो वाले जिलों में एक्यूआई 300 के करीब है। यहां बता दें कि सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के बावजूद प्रदेशभर में दीपावली की रात को खूब आतिशबाजी हुई थी तथा किसानों फसल अवशेष भ खूब जलाए थे।

रेड जोन में हैं ये तीन जिले

प्रदेश के जिन जिलों में एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है तथा हवां की हवा सांस लेने योग्य नहीं होने के चलते सरकार ने उन्हें रेड जोन में शामिल किया है उनमें गुरूग्राम, चरखीदादरी और जींद शामिल हैं। इन जिलों में सांस के रोगियों और बच्चों को सांस लेने में परेशानी होनी शुरू हो गई है जिसके चलते इनमें ओपीडी बढ़ गई है।

ऑरेंज जोन में हैं ये 8 जिले

प्रदेश के जो जिले प्रदूषण के ऑरेंज जोन में हैं उनमें सीएम सिटी करनाल, हिसार, फरीदाबाद, भिवानी, कैथल, कुरूक्षेत्र अंबाला और सोनीपत शामिल हैं। इन जिलों में एक्यूआई 300 के करीब है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।

10 नवंबर तक चलेगा सीजन

यहां बता दें कि फतेहाबाद और सिरसा सहित प्रदेश के कई जिलों में धान की कटाई का सीजन 10 नवंबर तक चलेगा, कुछ पछेती किस्मों की कटाई 15 तक भी चलेगी। ऐसे में किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाने पर यदि समय रहते रोक नहीं लगी तो आने वाले दिनों बाकी जिलों में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा।

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