-15 सितंबर को अधिवक्त दीपकरण दलाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होनी है सुनवाई
-चुनाव आयोग ने कसी कमर, जल्द ही होंगे 6228 सरपंचों के चुनाव
-जल्द हो सकती है अधिसूचना जारी
चंडीगढ़, 12 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव हर हाल में सितंबर के महीने में ही होंगे। उनके अनुसार अगस्त के इसी सप्ताह में तारीख का ऐलान हो जाएगा। मुख्यमंत्री का दावा है कि सरकार चुनाव करवाने को पूरी तरह से तैयार हे और सभी जिलों में पंचायत चुनाव की पूरी तैयारी कर ली गई है। गौरतलब है कि पंचायत चुनाव में आरक्षण संबंधी नियमों को लेकर अधिवक्ता दीपकरण दलाल की ओर से 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। दीपकरण दलाल पूर्व विधायक कर्ण दलाल के बेटे हैं। दीपकरण दलाल की इस याचिका पर 11 अगस्त का सुनवाई हुई। अदालत ने अब 15 सितंबर को अगली सुनवाई करनी है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद हरियाणा में सरपंची के चुनावों के टलने संबंधी अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। इसी बीच चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट कर दिया कि चुनाव हर हाल में सितंबर में होंगे। कोई भी अफवाहों पर ध्यान न दे।
दीपकरण की यह है दलील
गौरतलब है कि कांग्रेस के सीनियर नेता और पलवल के पूर्व विधायक करण दलाल के बेटे अधिवक्ता दीपकरण दलाली ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बैंच ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 11 अगस्त को रखी थी। अब इस मामले में अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी। अधिवक्ता दीपकरण दलाल द्वारा दायर याचिका में सरकार के उस फैसले को दी गयी चुनौती जिसमें सरकार ने कहा था कि जिस पंचायत में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की संख्या 10 प्रतिशत से कम है वहां सरपंच पद को इन जातियों के लिए आरक्षित नही किया जा सकता।
पांच मई को हाईकोर्ट ने दी थी चुनाव कराने की इजाजत
गौरतलब है कि हरियाणा पंचायती चुनाव पहले ही लंबे समय से टलते आ रहे हैं। 5 मई को हाईकोर्ट की ओर से चुनाव करवाए जाने की हरी झंडी मिलने के बाद राज्य के पंचायत एवं विकास विभाग की ओर से बीस जुलाई को पंचायती चुनाव तीस सितंबर से पहले करवाए जाने को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इसके बाद चुनाव आयोग भी चुनाव करवाने को लेकर पूरी तरह से एक्टिव हो गया। दो दिन पहले राज्य चुनाव आयुक्त धनपत्त सिंह ने दावा किया था कि जल्द ही चुनाव की अधिसूचना जारी कर ली जाएगी। उल्लेखनीय है कि आयोग की ओर से अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है। इसके साथ ही कुछ माह पहले चुनावों में ड्रा संबंधी प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी।
यूं लटकते रहे हैं चुनाव
हरियाणा में पंचायत चुनाव लटकते रहे हैं। प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी 2021 को समाप्त हो चुका है। पंचायती राज एक्ट के दूसरे संशोधन के कुछ नए प्रविधान किए गए हैं। 2021 में कोरोना के चलते पहले चुनाव कराना संभव नहीं था। इसके साथ ही किसान आंदोलन का भी असर रहा।
पहले गुरुग्राम के प्रवीण चौहान ने दायर की थी याचिका
गुरुग्राम के प्रवीण चौहान व अन्य ने 15 अप्रैल 2021 को हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 2020 में किए गए संशोधन को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताते हुए इसे चुनौती दी थी। कोर्ट को बताया गया कि अधिनियम में संशोधन कर अब पंचायत चुनाव में आठ प्रतिशत बीसी-ए श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया है और न्यूनतम 2 सीटों का आरक्षण अनिवार्य है।
77 हजार ईवीएम का किया प्रबंध
हरियाणा में 6228 सरपंचों, 411 जिला परिषद सदस्यो, 62 हजार पंचों और 3080 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव करवाए जाने हैं। इसके लिए आयोग की ओर से करीब 77 हजार ईवीएम का इंतजाम किया गया है। गुजरात से 20 हजार, उत्तर प्रदेश से 5 हजार, हिमाचल प्रदेश से 496 और 52083 ईवीएम भारतीय चुनाव आयोग से हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने ली हैं। 5 हजार ईवीएम हरियाणा की अपनी हैं। चुनाव करवाने को लेकर प्रदेशभर में 14 हजार बूथ बनाए जाएंगे। पंचायत सदस्यों के चुनाव बैलेट पेपर के जरिए होंगे, जबकि सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद के सदस्यों के चुनाव ईवीएम के जरिए करवाए जाने हैं।
चौधर की जंग नहीं है आसान
हरियाणा में पंचायती राज के चुनाव काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। विशेषकर गांव की चौधर यानी सरपंच और जिला परिषद सदस्यों के चुनाव को लेकर पूरी जोर-आजमाइश होती है। जिला परिषद चुनावों में तो हरियाणा के तमाम सियासी दलों में भी शह-मात का खेल चलता है। चुनावों की अधिसूचना जारी हो जाने के बाद करीब डेढ़ माह से अधिक समय तक हरियाणा में चुनावी मेले का नजारा रहेगा।
यमुनानगर में सबसे अधिक 490 ग्राम पंचायतें
ग्राम पंचायतों की संख्या के नजरिए से देखें तो हरियाणा के यमुनानगर जिले में सबसे अधिक 490 ग्राम पंचायातों के चुनाव होने हैं, जबकि फरीदाबाद में सबसे कम 100 पंचायतें हैं। इसी प्रकार से कुरुक्षेत्र में 403 और अंबाला में 400 पंचायत हैं। इसी प्रकार से हिसार में जिला परिषद के सबसे अधिक 30 सदस्यों जबकि पंचकूला, गुरुग्राम और फरीदाबाद में 10-10 जिला परिषद के सदस्यों के चुनाव होंगे।
दावेदारों में बेबसी और बेचैनी
वहीं पंचायत चुनाव में लगातार हो रही देरी से चुनाव लडऩे के चाहवान दावेदारों में बेबसी और बेचैनी का आलम है। पर अब ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही चुनावों का शंखनाद हो सकता है। हरियाणा में अब आने वाले कुछ दिनों तक छोटी सरकार के चुनावों को लेकर शह-मात का खेल चलेगा। जल्द ही चुनावी बिसात सज जाएगी। पंचायत एवं विकास विभाग की ओर से तीस सितंबर से पहले चुनाव करवाए जाने संबंधी नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव की अधिसूचना जारी करनी है।
राजनीतिक दलों के लिए चुनौती है चुनाव
गांव की चौधर के चुनाव तमाम राजनीतिक दलों के लिए भी चुनौती है। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के लिए जिला परिषद के चुनाव किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। कांग्रेस और आप के लिए भी यह चुनाव परीक्षा हैं। इसी प्रकार से इनैलो पर भी सियासी पंडितों की निगाहें रहेंगी। गौरतलब है कि हरियाणा में अब पंचायत चुनाव का शंखनाद किसी भी वक्त हो सकती है। गांव की सरकार के चुनाव को लेकर लंबे समय से न केवल चुनाव लडऩे के चाहवान इंतजार कर रहे थे, बल्कि मतदाताओं में भी बेचैनी और जिज्ञासा बनी हुई थी। अब हरियाणा सरकार के पंचायत और विकास विभाग की ओर से गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इस नोटिफिकेशन के अनुसार चुनाव 30 सितंबर से पहले करवाए जाने हैं। किसी भी चुनाव के लिए अधिसूचना घोषित होने के भीतर न्यूनतम 42 दिन चुनाव का समय चाहिए। ऐसे में यह माना जा रहा है अब हरियाणा निर्वाचन आयोग की ओर से जल्द ही चुनाव संबंधी अधिूसचना जारी कर दी जाएगी।