पीडि़तों ने बहादुरगढ़ ट्रामा सेंटर के सामने शव रखकर जाम लगाया, मृतक की पहचान कसार गांव निवासी मुकेश के रुप में हुई, कल देर शाम मुकेश ने किसान आंदोलन में शामिल 4 लोगों के साथ आंदोलन स्थल पर ही पी थी शराब, बाद में हुए लड़ाई झगड़े में आरोपियों ने मुकेश पर तेल छिड़क कर लगाई आग, 90 प्रतिशत झुलसे हुए मुकेश ने रात करीब 2:30 बजे तोड़ा दम, ग्रामीणों ने किसानों पर उन्हें परेशान करने का लगाया आरोप, परिजनों ने मृतक का शव लेने से किया मना, कहा- पीडि़त परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी और सुरक्षा की गारंटी दे सरकार, आंदोलनकारी किसानों को भी गांव से दूर बसाने की मांगें, पुलिस ने किया मामला दर्ज, आरोपियों की तलाश शुरू
बहादुरगढ़। टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल होने आए लोगों ने एक व्यक्ति को जिंदा जला दिया। गंभीर हालत में व्यक्ति को बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल लाया गया। लेकिन 90 प्रतिशत जला हुआ होने के कारण चिकित्सकों ने उसे पीजीआई रोहतक रेफर किया। लेकिन परिजन उसे बहादुरगढ़ के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे जहां देर रात उसने दम तोड़ दिया।
मामला बहादुरगढ़ के कसार गांव के पास का है। मृतक की पहचान कसार गांव निवासी मुकेश के रूप में हुई है। मुकेश रोजाना की तरह शाम के समय आंदोलनकारी किसानों के पास गया था । जहां उसने किसान आंदोलन में शामिल होने आए जींद के चार लोगों के पास बैठकर पहले तो शराब का सेवन किया। बाद में उसकी आरोपियों के साथ किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई , जिसके बाद आरोपियों ने उस पर तेल छिड़ककर आग लगा दी। आग लगने के बाद मुकेश नाम का व्यक्ति सड़क पर ही तड़पता रहा। जिसे बाद में ग्रामीणों और परिजनों ने बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। लेकिन परिजन उसे बहादुरगढ़ के ही एक निजी अस्पताल में लेकर गए। जहां रात के समय करीब 2:30 बजे मुकेश ने दम तोड़ दिया।
सुबह के समय पोस्टमार्टम के लिए मुकेश को बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल में लाया गया । जहां ग्रामीण और मृतक के परिजन इक_े हुए । जिन्होंने मृतक का शव लेने से साफ मना कर दिया और कहा कि जब तक मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा, एक सरकारी नौकरी और परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाने की गारंटी सरकार नहीं देती। तब तक मृतक के शव को परिजन साथ नहीं ले जाएंगे। मौके पर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने बुझाने का काफी प्रयास किया । लेकिन ग्रामीण अब तक नहीं माने ।
ग्रामीणों का आरोप है कि आंदोलन में शामिल किसानों की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । ग्रामीणों का कहना है कि गांव की खेतों में भी किसान आंदोलनकारी शौच के लिए आते हैं। जिसकी वजह से महिलाओं ने जाना बंद कर दिया है । इतना ही नहीं गांव की गलियों में आंदोलनकारी के साथ जाते हैं इसलिए उन्होंने आंदोलनकारी किसानों को गांव से दूर कहीं ओर बैठाने की गुहार प्रशासन से लगाइ है। फिलहाल पुलिस ने जींद के चार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं लेकिन सभी आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताए जा रहे हैं।