हिसार में कोविड अस्पताल के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उपद्रव का मामला

हिसार। तीन दिन पहले हिसार में कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने आए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रम में जमकर उपद्रव मचाने वाले किसानों के खिलाफ हिसार पुलिस ने आखिरकार चार दिन बाद हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। हालांकि 16 मई को हुई इस घटना के बाद किसानों की ओर से कहा गया था कि प्रशासन से उनका समझौता हो गया है और दोनों पक्षों की ओर से कोई भी एक दूसरे के खिलाफ शिकायत नहीं देगा। ध्यान रहे कि इस उपद्रव में किसानों ने जमकर तोडफ़ोड़ की थी और डीएसपी अभिमन्यु लोहान सहित कई पुलिस अधिकारियों पर ट्रैक्टर चढ़ाकर उन्हें जान से मारने की कोशिश की थी।
इस घटना के बाद पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज न होने पर पूरे प्रदेश में हरियाणा सरकार की भद्द पिट रही थी और ऐसा माना जा रहा था कि सरकार उपद्रवियों के दबाव में आ गई। अब चार दिन बाद हिसार पुलिस की ओर से बुधवार देर रात प्रेस नोट जारी कर बताया गया कि उक्त मामले में करीब दो दर्जन से ज्यादा किसान नेताओं को नामजद करते हुए तकरीबन साढ़े तीन सौ किसानों के खिलाफ हत्या प्रयास सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस संदर्भ में हिसार रेंज के आईजी राकेश आर्य का कहना है कि प्रशासन की किसानों से कभी भी इस तरह की बात नहीं हुई कि उन पर मुकदमे नहीं होंगे। आईजी ने कहा कि किसानों ने एकपक्षीय बात को प्रचारित प्रसारित कर गुमराह करने वाला माहौल बनाया। उन्होंने कहा कि कानून तोडऩे वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बीती 16 मई को हिसार के चौ. देवीलाल कोविड अस्पताल का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया था। मुख्यमंत्री के जाने के बाद यहां काफी संख्या में आंदोलनरत किसान पहुंच गए और उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई। किसानों व पुलिस के बीच टकराव में पांच महिला पुलिसकर्मियों सहित 20 पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जिनका नागरिक अस्पताल में उपचार किया गया। पुलिस का कहना है कि हैरानी की बात यह है कि हमला करने वाले शरारती तत्वों ने मुख्यमंत्री के हिसार से प्रस्थान के 45 मिनट बाद घटना को अंजाम दिया, जबकि साउथ बाईपास पर आंदोलनरत किसान नहर पुल पर लगे नाके को तोड़कर शहर के अंदर की तरफ आ रहे थे। उस वक्त डीआईजी बार-बार अनाउंसमेंट कर किसानों को यह सूचना दे रहे थे कि मुख्यमंत्री जा चुके हैं।
पुलिस का कहना है कि यही बात डीएसपी अभिमन्यु और डीएसपी हरप्रीत द्वारा आंदोलनरत किसानों को तब कही जब वे जिंदल पुल के नीचे से अस्पताल की ओर जाने वाले रास्ते पर आगे बढ़ रहे थे। पुलिस ने उनको आगे बढऩे से रोकने का भरसक प्रयास भी किया। पुलिस का कहना है कि वरिष्ठ किसान नेताओं द्वारा भी आंदोलरत किसानों में सम्मिलित शरारती तत्वों और नवयुवकों को उस रास्ते पर जाने से रोकने का बहुत प्रयास किया गया लेकिन आंदोलन में सम्मिलित नौजवान आंदोलनकारियों ने किसी की नहीं सुनी। उन्होंने जिंदल पुल के पास लगाए नाके को तहस-नहस कर दिया और आगे बढ़ते हुए वहां पर नियुक्त डीएसपी और अन्य पुलिस बल के साथ धक्का मुक्की की और चौ. देवीलाल संजीवनी अस्पताल के गेट तक पहुंच गए।
पुलिस का कहना है कि जब आंदोलनरत नौजवान शरारती तत्वों को डीआईजी, एएसपी और डीएसपी ने अन्य पुलिस बल सहित रोकने का प्रयास किया तो शरारती तत्वों ने पुलिस अधिकारियों व पुलिस बल पर कई बार गाडिय़ों और ट्रैक्टर से टक्कर मारकर घायल करने का प्रयास किया और पुलिस कर्मचारियों पर भारी पथराव कर दिया। अस्पताल को तोडफ़ोड़ से बचाने व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन शरारती तत्वों को अस्पताल के अंदर घुसने से रोकने के लिए मजिस्ट्रेट के आदेश पर पहले आंसू गैस का प्रयोग किया गया और उसके बाद हल्का बल प्रयोग किया गया। पुलिस का कहना है कि आंदोलनरत किसान नेताओं द्वारा अधिकारियों से शाम को 7 बजे के बाद बात हुई, जबकि यह घटना दोपहर 12.30 बजे की है। पुलिस द्वारा ऑनलाइन किसी भी हिंसक घटना व अपराध से संबंधित सभी गतिविधियां स्वत: ही रियल टाइम पर कंप्यूटर में दर्ज की जाती है ंऔर इस घटना से संबंधित सभी प्रविष्टियां भी कंप्यूटर में दर्ज की जा रही थीं और एफआईआर से संबंधित सभी प्रविष्टियां दर्ज की जा चुकी थीं। वहीं किसानों के साथ हुई बैठक के दौरान आईजी ने ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया था कि किसी प्रकार की एफआईआर नहीं होगी। अर्बन एस्टेट थाना प्रभारी वीरेंद्र कुमार की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। हिसार पुलिस प्रवक्ता विकास कुमार ने बताया कि करीब साढ़े तीन सौ किसानों पर धारा 307, 109, 147, 148, 149, 186, 188, 283, 307, 332, 353 और 427 के तहत अर्बन एस्टेट थाने में केस दर्ज किया गया