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‘छोटी सरकार’ के चुनाव में चलेगा शह-मात का खेल

-जिला परिषद के चुनाव में राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा रहेगी दांव पर

फतेहाबाद, 23 जुलाई (जनसरोकार ब्यूरो): हरियाणा में अब आने वाले कुछ दिनों तक छोटी सरकार के चुनावों को लेकर शह-मात का खेल चलेगा। जल्द ही चुनावी बिसात सज जाएगी। पंचायत एवं विकास विभाग की ओर से तीस सितंबर से पहले चुनाव करवाए जाने संबंधी नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव की अधिसूचना जारी करनी है। गांव की चौधर के चुनाव तमाम राजनीतिक दलों के लिए भी चुनौती है। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के लिए जिला परिषद के चुनाव किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। कांग्रेस और आप के लिए भी यह चुनाव परीक्षा हैं। इसी प्रकार से इनैलो पर भी सियासी पंडितों की निगाहें रहेंगी।

-पंचायत चुनाव सरकार के लिए चुनौती, कांग्रेस, इनैलो के लिए परीक्षा, आप के लिए भी है बड़ा इम्तिहान

गौरतलब है कि हरियाणा में अब पंचायत चुनाव का शंखनाद किसी भी वक्त हो सकती है। गांव की सरकार के चुनाव को लेकर लंबे समय से न केवल चुनाव लडऩे के चाहवान इंतजार कर रहे थे, बल्कि मतदाताओं में भी बेचैनी और जिज्ञासा बनी हुई थी। अब हरियाणा सरकार के पंचायत और विकास विभाग की ओर से गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इस नोटिफिकेशन के अनुसार चुनाव 30 सितंबर से पहले करवाए जाने हैं। किसी भी चुनाव के लिए अधिसूचना घोषित होने के भीतर न्यूनतम 42 दिन चुनाव का समय चाहिए। ऐसे में यह माना जा रहा है अब हरियाणा निर्वाचन आयोग की ओर से जल्द ही चुनाव संबंधी अधिूसचना जारी कर दी जाएगी।

पंच-सरपंच और जिलापरिषद एवं ब्लॉक समिति के चुनाव होंगे अलग-अलग
हरियाणा में पंचायत चुनाव दो चरणों में कराने की तैयारी चल रही है। पहले चरण में सरपंच और पंच के लिए मतदान होगा। दूसरे चरण में जिला परिषद और बीडीसी सदस्यों के लिए वोट डाले जाएंगे। राज्य चुनाव आयोग चुनाव के लिए पूरे प्रदेश से डाटा एकत्रित करने में जुटा हुआ है। महिलाओं और एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षण का प्रावधान रहेगा, बीसी-ए श्रेणी को बिना आरक्षण दिए चुनाव होंगे। पंचायत चुनाव प्रदेश का सबसे बड़ा चुनाव होता है। इसे संपन्न कराने के लिए हजारों कर्मियों की तैनाती होती है। मतदाताओं को एक साथ जिला परिषद, बीडीसी, सरपंच, उप सरपंच और पंच के लिए वोट डालने होते हैं। ऐसे में मतदाता कई बार कंफ्यूज हो जाता है। हजारों की संख्या में कर्मचारियों की तैनाती व मतदाताओं की सुविधा को देखते हुए सरकार और आयोग दो चरण में चुनाव करवाने पर विचार कर रहे हैं।

अब आयोग के पाले में है गेंद
हरियाणा के पंचायत एवं विकास विभाग की ओर से पंचायती राज प्रणाली संबंधी गजट नोटिफकेशन जारी किए जाने के बाद अब चुनाव करवाए जाने को लेकर गेंद राज्य निर्वाचन आयोग के पाले में हैं। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अब कभी चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की जा सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि आयोग की ओर से एक सप्ताह के भीतर चुनावों की अधिसूचना जारी की जाने की संभावना है। गौरतलब है कि चुनावों को लेकर आयोग ड्रा, वार्डबंदी की प्रक्रिया पूरी कर चुका है। मतदाता सूची पर भी काम हो गया है। ऐसे में अब जल्द चुनावों का शैड्यूल जारी हो सकता है।
77 हजार ईवीएम का किया प्रबंध
हरियाणा में 6228 सरपंचों, 411 जिला परिषद सदस्यो, 62 हजार पंचों और 3080 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव करवाए जाने हैं। इसके लिए आयोग की ओर से करीब 77 हजार ईवीएम का इंतजाम किया गया है। गुजरात से 20 हजार, उत्तर प्रदेश से 5 हजार, हिमाचल प्रदेश से 496 और 52083 ईवीएम भारतीय चुनाव आयोग से हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने ली हैं। 5 हजार ईवीएम हरियाणा की अपनी हैं। चुनाव करवाने को लेकर प्रदेशभर में 14 हजार बूथ बनाए जाएंगे। पंचायत सदस्यों के चुनाव बैलेट पेपर के जरिए होंगे, जबकि सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद के सदस्यों के चुनाव ईवीएम के जरिए करवाए जाने हैं।
चौधर की जंग नहीं है आसान
हरियाणा में पंचायती राज के चुनाव काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। विशेषकर गांव की चौधर यानी सरपंच और जिला परिषद सदस्यों के चुनाव को लेकर पूरी जोर-आजमाइश होती है। जिला परिषद चुनावों में तो हरियाणा के तमाम सियासी दलों में भी शह-मात का खेल चलता है। चुनावों की अधिसूचना जारी हो जाने के बाद करीब डेढ़ माह से अधिक समय तक हरियाणा में चुनावी मेले का नजारा रहेगा।
यमुनानगर में सबसे अधिक 490 ग्राम पंचायतें
ग्राम पंचायतों की संख्या के नजरिए से देखें तो हरियाणा के यमुनानगर जिले में सबसे अधिक 490 ग्राम पंचायातों के चुनाव होने हैं, जबकि फरीदाबाद में सबसे कम 100 पंचायतें हैं। इसी प्रकार से कुरुक्षेत्र में 403 और अंबाला में 400 पंचायत हैं। इसी प्रकार से हिसार में जिला परिषद के सबसे अधिक 30 सदस्यों जबकि पंचकूला, गुरुग्राम और फरीदाबाद में 10-10 जिला परिषद के सदस्यों के चुनाव होंगे।
लगातार लटके चुनाव
पंचायती राज चुनाव में विभिन्न कारणों से विलंब हुआ है फरवरी 2021 में वर्तमान पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया था। मार्च के महीने में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी और इस वजह से चुनावों में देरी हो गई इसके साथ ही लंबे समय तक हरियाणा की सीमांत इलाकों में किसान आंदोलन चला । हरियाणा भर में किसान आंदोलन का व्यापक असर नजर आया । खास करके किसान आंदोलन का असर ग्रामीण क्षेत्र में अधिक देखने को मिला । इसी दौरान अप्रैल 2021 में पंचायती राज प्रणाली चुनाव में महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण दिए जाने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका डाल दी गई । लंबे समय तक मामला अदालत में विचाराधीन रहा और इसी साल 5 मई को हाईकोर्ट ने चुनाव करवाए जाने को लेकर हरी झंडी दे दी ।
यह है विभाग का नोटिफिकेशन
हरियाणा सरकार के पंचायत एवं विकास विभाग की ओर से जारी किए गए सरकारी गजट नोटिफिकेशन के अनुसार हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 (1994 का 11 ) की धारा 211 की उप-धारा (2) के साथ पठित उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हरियाणा के राज्यपाल ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी ग्राम पंचायतों के पंचों, सरपंचों और सभी पंचायत समितियों तथा जिला परिषदों के सदस्यों के आम चुनाव 30 सितम्बर, 2022 तक हरियाणा राज्य में करवाए जाएं। इसमें जिला कुरुक्षेत्र के खंड लाडवा की ग्राम पंचायत सम्भालखा को चुनाव से फिलहाल अलग रखा गया है।

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