मानसून सत्र के पहले दिन 8 अगस्त को विधानसभा में सभी विधायकों को 11:30 पर बुलाया गया है। सदन की कार्यवाही पहले दिन 2 बजे से होगी, लेकिन सुबह के समय यह विधायक टैब की प्रणाली को समझेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने भी सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
आठ अगस्त से हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होगा। हरियाणा गठन के बाद पहली बार हरियाणा विधानसभा का नजारा पूरी तरह से बदला हुआ होगा। विधानसभा में घुसते ही डिजिटलीकरण का एहसास हो जाएगा। 95 इंच के चार एलईडी अलग-अलग स्थानों पर लगे होंगे। सभी 90 विधायकों की सीट पर टैब लगा दिए गए हैं, जिसमें लॉगिन करते ही विधायक की उपस्थिति विधानसभा में लग जाएगी। पुराना हाजिरी रजिस्टर कुछ समय तक रहेगा। बाद में हाजिरी टैब के माध्यम से ही लगेगी। सभी प्रश्नों के उत्तर टैब में मौजूद रहेंगे, जिस प्रश्न का उत्तर वे देखना चाहेंगे, बटन दबाते ही उसका उत्तर उनके सामने होगा। यदि कोई सदस्य सदन में देरी से पहुंचता है तो वह सदन की पिछली कार्यवाही को देख सकेगा। उसके लिए अलग से व्यवस्था रहेगी.किस विधायक को बोलने के लिए कितना समय दिया जाएगा। यह स्पीकर तय करेंगे। संबंधित विधायक यह आपत्ति नहीं कर सकेंगे कि उन्हें बोलने के लिए समय कम दिया गया क्योंकि रियल टाइम अपडेट सामने एलईडी स्क्रीन पर आएगा। इस बार से विधानसभा में डबल सिटिंग का प्रावधान समाप्त हो जाएगा। विधानसभा में एक ही सिटिंग होगी, जिसका समय 11 से 6 बजे तक होगी। बीच में एक घंटे लंच होगा। लिहाजा सिटिंग 6 घंटे की ही होगी। पहले दिन 8 अगस्त को विधानसभा में सभी विधायकों को 11:30 पर बुलाया गया है। सदन की कार्यवाही पहले दिन 2 बजे से होगी, लेकिन सुबह के समय यह विधायक टैब की प्रणाली को समझेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने भी सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने टैब की कार्यप्रणाली को समझा और संबंधित कंपनी को कुछ और नए प्रावधान टैब में जोड़ने के लिए बोला है। हरियाणा विधानसभा लंबे समय से पेपरलेस करने पर काम चल रहा है, लेकिन यह काम पूरा नहीं हो पाया है। टैब से विधानसभा की कार्यवाही का संचालन इस कड़ी में पहला कदम माना जा रहा है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा पहले ही पेपरलेस हो चुकी है। हरियाणा के अधिकारी इस बावत हिमाचल का दौरा भी कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा ने इस विषय में कहा है कि सदन लेस पेपर तो हो सकता है, लेकिन पेपर लैस नहीं। कुछ कागजात तो सदन में देने ही पड़ेंगे।