चंडीगढ़, 25 जुलाई। हरियाणा में एक बार फिर से पंचायत चुनाव टलने के आसार बन गए हैं। कांग्रेस के सीनियर नेता और पलवल के पूर्व विधायक करण दलाल के बेटे अधिवक्ता दीपकरण दलाली ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बैंच ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 11 अगस्त को रखी है। अधिवक्ता दीपकरण दलाल द्वारा दायर याचिका में सरकार के उस फैसले को दी गयी चुनोती जिसमें सरकार ने कहा था कि जिस पंचायत में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की संख्या 10 प्रतिशत से कम है वहां सरपंच पद को इन जातियों के लिए आरक्षित नही किया जा सकता।
गौरतलब है कि हरियाणा पंचायती चुनाव पहले ही लंबे समय से टलते आ रहे हैं। 5 मई को हाईकोर्ट की ओर से चुनाव करवाए जाने की हरी झंडी मिलने के बाद राज्य के पंचायत एवं विकास विभाग की ओर से बीस जुलाई को पंचायती चुनाव तीस सितंबर से पहले करवाए जाने को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इसके बाद चुनाव आयोग भी चुनाव करवाने को लेकर पूरी तरह से एक्टिव हो गया। दो दिन पहले राज्य चुनाव आयुक्त धनपत्त ङ्क्षसह ने दावा किया था कि जल्द ही चुनाव की अधिसूचना जारी कर ली जाएगी। उल्लेखनीय है कि आयोग की ओर से अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है। इसके साथ ही कुछ माह पहले चुनावों में ड्रा संबंधी प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी।
यूं लटकते रहे हैं चुनाव
हरियाणा में पंचायत चुनाव लटकते रहे हैं। प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी 2021 को समाप्त हो चुका है। पंचायती राज एक्ट के दूसरे संशोधन के कुछ नए प्रविधान किए गए हैं। 2021 में कोरोना के चलते पहले चुनाव कराना संभव नहीं था। इसके साथ ही किसान आंदोलन का भी असर रहा।
पहले गुरुग्राम के प्रवीण चौहान ने दायर की थी याचिका
गुरुग्राम के प्रवीण चौहान व अन्य ने 15 अप्रैल 2021 को हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 2020 में किए गए संशोधन को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताते हुए इसे चुनौती दी थी। कोर्ट को बताया गया कि अधिनियम में संशोधन कर अब पंचायत चुनाव में आठ प्रतिशत बीसी-ए श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया है और न्यूनतम 2 सीटों का आरक्षण अनिवार्य है।
पंचायत चुनाव फिर टलने का अंदेशा: सुप्रीम कोर्ट में याचिका, 11 अगस्त को होगी सुनवाई
RELATED ARTICLES