दिल्ली में केजरीवाल सरकार दो ही मुद्दों पर पब्लिक में टिक पा रही है, वो हैं शिक्षा और स्वास्थ्य

जन सरोकार ब्यूरो/आरके सेठी
नई दिल्ली, 30 जनवरी। दिल्ली की सत्ता पर लगातार करीब दस साल से काबिज आम आदमी पार्टी को लेकर नाराजगियां भी हैं और वादाखिलाफी का ुगुस्सा भी। यानी, आम आदमी पार्टी के सरकार के खिलाफ ‘सत्ता विरोध’ खूब है और भ्रष्टाचार के आरोपों में तकरीबन सभी बड़े नेताओं के जेल जाने के बाद उनके प्रति भरोसा भी थोड़ा घटा है। लेकिन ऐसा भी नहीं नहीं दिख रहा है कि दिल्ली में सत्ता विरोध की कोई ‘लहर’ चल रही है।
दिल्ली में केजरीवाल सरकार दो ही मुद्दों पर पब्लिक में टिक पा रही है, वो हैं शिक्षा और स्वास्थ्य। इन मुद्दों पर आम आदमी पार्टी ज्यादा नहीं घिरती। कॉमन मैन मानता है कि बहुत ज्यादा कुछ ना भी हुआ हो, फिर भी इन दो सेक्टर में सुधार तो हुआ है। ऊपर से फ्री बिजली-पानी का ‘मोह’ दिल्ली पर हावी नजर आ रहा है। ऐसे में, दिल्ली की सत्ता पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही बीजेपी के सामने कई चुनौतियां हैं। मसलन, दिल्ली का केजरीवाल के प्रति भरोसा तोडऩे और खुद के प्रति कायम करना। इस प्रोसेस में बीजेपी ठीक उस वक्त मात खा जाती है, जब वह ‘कुचल’ डालने पर आमादा होती दिल्ली को दिखती है। बरहाल, वोटिंग में बचे दिनों में बीजेपी खुद को और कितना दिल्ली के वोट के करीब ला पाती है, देखना दिलचस्प रहेगा।