जाटों का हुड्डा की तरफ झुकाव होने से इनेलो के कुरड़ाराम और आप के सतेंदर सिंह को कम वोट मिलने की उम्मीद से कांग्रेस चार कदम आगे
जन सरोकार ब्यूरो।
आदमपुर।
चुनाव घोषित होने से पहले भजनलाल परिवार के गढ़ माने जाने वाले आदमपुर को लेकर लोगों और राजनीति के कई जानकारों की धारणा थी कि आदमपुर में धुरवीकरण नहीं होगा या यहां भजनलाल परिवार को हराना तो दूर, टक्कर देना भी मुश्किल है, इसके बाद जब पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित किए तो कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई के सामने आम आदमी पार्टी, इनेलो और कांग्रेस तीनों पार्टियों ने जाट उम्मीदवारों को टिकट दे दी, ऐसा होने से राजनीति के जानकारों की धारणा और मजबूत हो गई। लेकिन चुनाव में वोटिंग से 5 दिन पहले जिस प्रकार से वोटों का धुरवीकरण हुआ है, उसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है।
कांग्रेस पार्टी और हुड्डा पिता-पुत्र के प्रचार में ताकत झोंकने से जाट वोटर का बड़े स्तर पर धुरवीकरण हुआ है जिसका परिणाम यह निकला है कि कुरड़ाराम और सतेंदर का दायरा इतना छोटा हो गया है जो आदमपुर में किस बड़े बदलाव का कारण बन सकता है। अब बुद्धिजीवी लोग भी मान रहे हैं कि जाट वोटर का झुकाव कांग्रेस की तरफ हो गया है, इसलिए चुनाव परिणाम कुछ भी हो सकता है।
राजनीति के जानकारों का यह भी कहना है कि इस चुनाव में यह भी कोई बड़ी बात नहीं होगी कि कुरड़ाराम और सतेंदर दोनों ही अपनी जमानत भी ना बचा पाएं। ऐसे में जब सीधे भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला है तो जाट वोटर का चुनाव में निर्णायक साबित होना तय है। अब देखना है कि आज की बाकी बची कयामत की रात में कौन पार्टी कितने मतदाताओं को अपनी और खींच पाती है, वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू होगी।