केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी दिल्ली में जहां प्रचार के लिए पहुंचे वहीं दिल्ली वालों के दिलों पर छा गए

जन सरोकार ब्यूरो
नई दिल्ली, 8 फरवरी। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी दिल्ली में जहां प्रचार के लिए पहुंचे वहीं दिल्ली वालों के दिलों पर छा गए। मनोहर लाल ने शाहदरा, महरौली, आर.के. पुरम, मोती नगर, नई दिल्ली, कृष्णानगर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर और रोहिणी सहित करीब एक दर्जन सीट पर प्रचार किया। मनोहर लाल के प्रचार का ‘सक्सेस रेशो’ शत-प्रतिशत रहा और अधिकतर सीट भाजपा जीत गई। इसी तरह नायब सिंह सैनी ने सुल्तानपुर माजरा, मुंडका, जंगपुरा नांगलोई जाट, सीलमपुर, रिठाला, तिमारपुर, बवाना विधानसभा, सदर बाजार, ग्रेटर कैलाश, शकूर बस्ती में प्रचार किया। जिसमें भारतीय जनता पार्टी 90 प्रतिशत से अधिक ‘सक्सेस रेट’ के साथ 10 सीट जीतने में पार्टी सफल रही।
दिल्ली चुनाव में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का जोरदार प्रचार देखकर अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा को भी लपेटने की कोशिश की। केजरीवाल ने बयान दिया कि हरियाणा सरकार यमुना नदी के पानी में जहर मिलाती है। इसके तुरंत बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हमलावर हुए और केजरीवाल को न सिर्फ यमुना के पानी के सैंपल की रिपोर्ट दिखाई बल्कि खुद यमुना किनारे जाकर यमुना नदी के जल का ‘आचमन’ भी किया। अरविंद केजरीवाल का यह हथकंडा नायब सिंह सैनी ने चुटकियों में तोड़ दिया। केजरीवाल पर अपना ही बयान उल्टा पड़ा और उनकी हार का अहम हिस्सा भी बना। दिल्ली चुनाव में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की छवि के लोग दीवाने नजर आए।
हरियाणा में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति,मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले हरियाणा के 24 हजार से ज्यादा युवाओं को बिना पर्ची बिना खर्ची सरकारी नौकरी देने सहित कई ऐसे मुद्दे और नीतियां रहीं जिनका असर दिल्ली चुनाव में नजर आया। नायब सिंह सैनी का मुस्कुराते हुए चेहरे से भाषण देना और दिल्ली में जलेबी बांटने वाला बयान देने का अंदाज भी दिल्ली के लोगों को खूब भाया। दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप और शराब घोटाले को भी मनोहर लाल और नायब सैनी ने खूब भुनाया। अरविंद केजरीवाल और आप के प्रति मायूसी, 11 वर्ष के शासन से ऊब जैसे कई तथ्यों के बावजूद भाजपा और आप के बीच वोट प्रतिशत में सिर्फ 3 प्रतिशत का अंतर ही रहा।केजरीवाल को झटका देने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बहुत बड़ा हाथ है। आरएसएस ने कई महीने पहले दिल्ली में अपना काम शुरू कर दिया था।