मनोहर सरकार में जब गृह विभाग विज से लेने की बात चली थी तो विज खासे नाराज हो गए थे और आखिरकार गृह विभाग अपने पास रख कर ही माने
आरके सेठी. चंडीगढ़, 14 मार्च। सूबे के नये बने सीएम नायब सैनी से खफा चल रहे अनिल विज को हाईकमान द्वारा मनाने की खबरों के बीच ही यह बात भी सामने आ रही है कि नायब सरकार में अब उन्हें फिर से होम मिनिस्टर नहीं बनाया जाएगा। हालांकि, इस स्थिति में अनिल विज का क्या रिएक्शन रहने वाला है, यह समय बताएगा लेकिन इतना जरूर है कि अगर वह नायब सरकार का हिस्सा बने तो उन्हें वह सब महकमें दिए जा सकते हैं जो पहले दुष्यंत चौटाला के पास थे।
राजनीति के जानकार मानते हैं कि बीजेपी किसी भी सूरत में अनिल विज को नजरअंदाज नहीं कर सकती। इसका पहला कारण तो यही है कि वह पार्टी के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं और अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करते। यहां यह भी गौरतलब है कि मनोहर सरकार में जब गृह विभाग विज से लेने की बात चली थी तो विज खासे नाराज हो गए थे और आखिरकार गृह विभाग अपने पास रख कर ही माने। वो बात अलग है कि मनोहर लाल ने सीआईडी को अपने पास ही रखा।
सूत्र बताते हैं कि आज मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी थी लेकिन बस चीजें अपनी जगह फिट नहीं बैठ पाने के कारण टाल दिया गया। इसकी वजह यह भी मानी जा रही है कि अनिल विज फिर से अपनी पहले जैसी पॉजिशन ही सरकार में चाहते हैं। साथ ही, जिन विधायकों को मंत्री बनाया जाना है और जिन्हें आश्वासन देना है, इन दोनों कैटेगरी में गोटियां फिट करने में समय लग रहा है। राजनीति के जानकारी मानते हैं कि अगर अनिल विज को गृह विभाग नहीं मिला और फिर भी विज नायब सरकार में शामिल हुए तो कहीं न कहीं यही माना जाएगा कि इस सरकार में उन्हें मनोहर सरकार की तुलना में कम तवज्जो दी गई। अनिल विज और मुख्यमंत्री नायब सैनी दोनों एक ही जिले अंबाला से ताल्लुक रखते हैं।
सरकार में उलटफेर के समय अनिल विज नायब सैनी को सीएम बनाए जाने से खासे खफा हो गए थे और मुखरता से अपनी बात भी कही थी। इतना ही नहीं, वह विधायक दल की बैठक छोड़ कर भी चले गए थे। बेशक अगले दिन वह सरकार के फ्लोर टेस्ट में वक्त सदन में आए और फिर से वापिस अंबाला चले गए। माना जा रहा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की कोशिशों के बावजूद फिलहाल अनिल विज अपने स्टेंड पर कायम है। इसी बीच, अनिल विज ने यह बात बिलकुल साफ कर दी है कि वह बीजेपी के समर्पित कार्यकर्ता हैं और पार्टी के लिए हमेशा काम करते रहेंगे। बहरहाल, आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि अनिल विज मनोहर सरकार जैसे रुतबा नायब सरकार में भी बरकरार रख पाएंगे या नहीं।