फतेहाबाद में इनेलो की राष्ट्रीय व प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजित
फतेहाबाद, 17 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): इनैलो के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रदेश की जनता मौजूदा सरकार व कांग्रेस से दुखी है। जनता चौधरी देवी लाल और औमप्रकाश चौटाला के राज को याद कर रही है। लोग इनैलो से जुडऩा चाहते हैं, एक बार फिर इनैलो की सरकार चाहते हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से रैली और आदमपुर के उपचुनाव की तैयारियों में जुटने का आह्वान किया और कहा कि 25 अगस्त के बाद वे स्वयं फतेहाबाद, रतिया व टोहाना के एक-एक गांव का दौरा कर लोगों को इस रैली का निमंत्रण देंगे वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला स्वयं 1 से 11 सितम्बर तक दो-दो जिलों की कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करेंगे। इनैलो के अभय चौटाला बुधवार को फतेहाबाद की नई अनाजमंडी में आयोजित इनैलो की राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक को इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला, पार्अी के प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी, युवा इनैलो प्रदेश प्रभारी कर्ण चौटाला, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रकाश भारती, इनेलो राष्ट्रीय महासचिव सुनैना चौटाला व आरएस चौधरी ने भी संबोधित किया। इससे पहले बैठक को संबोधित करते हुए इनेलो सुप्रीमो ने कहा कि हरियाणा में जब भी विधानसभा चुनाव होंगे, इनैलो की सरकार बनेगी। परिवर्तन की यह लहर केवल हरियाणा में ही नहीं रहेगी, दूसरे प्रदेशों के लोग भी इसकी नकल करेंगे। उन्होंने केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि किसान, मजदूरों ने अपनी एकता की बदौलत शक्ति का प्रदर्शन कर इस सरकार को काले कानूनों को बदलने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था खेती पर टिकी है। अगर किसान खुशहाल है तो देश मालामाल है और अगर किसान कंगाल है तो देश का बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि आज देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। इस सरकार से देश का हर वर्ग दु:खी है। उन्होंने कहा कि यह सरकार नहीं लुटेरों का गिरोह है। जाने-अनजाने में इन लोगों का दांव लग गया और अब ये लोग देश की दौलत को लूटने में लगे है। इन्होंने ऐसे कानून बनाए हैं जिससे योजनाबद्ध तरीके से इस देश की मेहनतकश लोगों का पैसा मु_ीभर औद्योगिक घरानों के पास जा रहा है। किसान को न खाद, पानी व बिजली मिल रही है और न ही अच्छे बीज मिल रहे हैं। इसके बावजूद अगर किसान की भरपूर फसल हो जाए तो सरकार द्वारा उसे एमएसपी पर खरीदा नहीं जाता। सरकार किसानों से उनकी फसल सस्ते में खरीदती है और बाद में उससे बने उत्पादों को महंगे दामों पर बेचकर देश की जनता को लूटा जाता है।