जन सरोकार ब्यूरो
सिविल अस्पताल की फिजिशियन डॉ. जसमीन कौर ने बताया कि बुखार समेत मौत के असल कारणों को जानने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के परिजनों से पोस्टमार्टम करवाने की बात कही। मगर अभिभावकों ने पोस्टमार्टम के लिए मना कर दिया।
परिजनों ने प्रारंभिक पूछताछ में यही बताया कि बच्चों को बुखार हुआ था। उन्हें नजदीक ही डॉक्टर एवं मेडिकल स्टोर से दवाइयां दिलवाई थी।स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस माह में सिविल अस्पताल में बुखार से पीड़ित चार बच्चों की मौत हुई है। जिसमें 12 अक्टूबर को बच्ची सीरत (3) निवासी गांव डिडवाडा जिला जींद की मौत हुई है। 27 अक्टूबर को 17 वर्षीय किशोर वीरू कुमार भारती मूल निवासी बिहार के जिला सिवान की बुखार से मौत हुई है।
शुक्रवार को 7 वर्षीय बच्ची रूबी मूल निवासी शामली हाल निवासी बबैल नाका की बुखार से मौत हुई है। वहीं, 12 वर्षीय बच्ची खुशी निवासी नांगलखेड़ी की भी जान चली गई। खुशी की प्लेटलेट्स कम थी और उसकी नाक से खून बह रहा था।जिले में रोजाना वायरल बुखार की 8 हजार OPDस्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले के सभी 140 अस्पतालों में रोजाना वायरल बुखार की 8 हजार से अधिक OPD हो रही है।
डेंगू के 168 कंफर्म केस हो गए हैं। जिनमें से 20 प्रतिशत रोगियों की उम्र 15 वर्ष से कम है।सिविल अस्पताल में 300 से अधिक रोजाना बुखार से पीड़ित लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जिनमें से रोजाना 30 लोगों की डेंगू जांच की जा रही है। निजी अस्पतालों में प्लेटलेट्स के लिए मारामारी चल रही है। इसी बीच प्लेटलेट्स से बच्ची की मौत हो गई है।