
सोनीपत। हरियाणा के पहलवान सुमित के डोप में फंसने के बाद कुश्ती संघ उसकी जगह किसी दूसरे खिलाड़ी को ओलंपिक में नहीं भेज सकेगा। यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने भारत का इस भार वर्ग का ओलंपिक कोटा छीन लिया है। यह इसलिए हुआ है क्योंकि सुमित देश से बाहर उसी प्रतियोगिता में डोप में फंसा है, जिससे ओलंपिक का कोटा मिला था। अब सुमित की जगह उसके प्रतिद्वंद्वी पहलवान को ओलंपिक में खेलने का मौका मिलेगा। देश से केवल ओलंपिक कोटा ही खत्म नहीं हुआ है, बल्कि भारतीय कुश्ती संघ पर 16 लाख रुपये का जुर्माना भी लगेगा और उसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। भारतीय कुश्ती संघ के संयुक्त सचिव विनोद तोमर ने बताया कि जिस तरह से अब सुमित के साथ हुआ है, ऐसा ही वर्ष 2016 में रियो ओलंपिक से पहले देश के दो पहलवानों को ओलंपिक में खेलने का मौका मिल गया था। तब पहलवान बबीता फौगाट को मंगोलिया की पहलवान के डोप में फंसने से ओलंपिक का टिकट मिला था तो रविंद्र खत्री को किर्गिस्तान के पहलवान के डोप में फंसने से मौका मिला था। जबकि इस बार सुमित के डोप में फंसने से एक कोटा छिन गया है। पहलवान सुमित के भले ही बी सैंपल की जांच होनी अभी बाकी है, लेकिन ए व बी सैंपल में फर्क नहीं होता है। संयुक्त सचिव विनोद तोमर कहते हैं कि बी सैंपल की जांच रिपोर्ट भी अधिकतर ए सैंपल की तरह ही आती है। उनके अनुसार अब रवि दहिया, बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, सीमा बिस्ला, विनेश फौगाट, अंशु मलिक और सोनम मलिक ही ओलंपिक में जाएंगे।