यमुनानगर, 11 अगस्त (जन सरोकार ब्यूरो): हरियाणा के यमुनानगर ं हथिनी कुंड बैराज पर गुरुवार को साल 2022 के बरसाती सीजन का सबसे ज्यादा पानी दर्ज हुआ। सुबह 6 बजे यहां पानी की मात्रा 70 हजार क्यूसेक से ऊपर हुई तो उत्तर प्रदेश और हरियाणा को डायवर्ट की जाने वाली नदियां बंद कर बड़ी यमुना नदी में दिल्ली की तरफ पानी को छोड़ा गया। यमुना नदी के उफान पर आने के बाद हरियाणा के यमुनानगर, करनाल जैसे जिलों में बाढ़ का खतरा बन गया है। शाम तक हथिनीकुंड बैराज से दो लाल क्यूसिक पानी छोड़ा गया। गुरुवार सुबह जलस्तर सुबह 8 बजे जहां 1 लाख 82 हजार 297 क्यूसेक आंका गया था। पानी 72 घंटे बाद दिल्ली पहुंचगा। यमुना के किनारे पर खेती करने वालों और संबंधित जिलों के प्रशासन को अलर्ट किया गया है। उत्तराखंड और हिमाचल की पहाडय़िों से निकलकर हथिनी कुंड बैराज पर से मैदानी इलाकों में पहुंचने वाली यमुना नदी गुरुवार को उफान पर है। यमुना नदी में सुबह 6 बजे पानी का लेवल 70 हजार क्यूसेक को क्रॉस कर गया था जिसके बाद वेस्टर्न यमुना कैनाल और इस्टर्न यमुना कैनाल को बंद कर बड़ी यमुना के गेट खोल दिए गए। इसके बाद लगातार जलस्तर बढ़ते हुए करीब 1 लाख 85 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया। वहीं 12 बजे तक यह 1 लाख 91 हजार 698 क्यूसेक हो गया। पानी 72 घंटे बाद दिल्ली पहुंचेगा।
करनाल में खतरा, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
हथनीकुंड बैराज से दो लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी उफान पर है। इसे देखते हुए करनाल में भी यमुना से सटे इलाकों में अलर्ट की स्थिति है। इंद्री, गढ़ी बीरबल और घरौंडा क्षेत्र में सिंचाई विभाग और प्रशासन के अधिकारी हालात पर नजर रखे हुए हैं। वहीं, किसानों की चिंता बढ़ गई है। गौरतलब है कि बीते वर्षों में भी यमुना से सटे इलाकों में खेती करने वाले किसानों की फसलें तबाह होती रही हैं। वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों का दावा है कि बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए पुख्ता तैयारियां हैं। वीरवार सुबह हथनीकुंड से छोड़ा गया पानी जिले की सीमा में पहुंचने में समय लगेगा। तब तक आवश्यक इंतजाम कर लिए जाएंगे। जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ से बचाव की तैयारियों को लेकर राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के जिला कार्यालय ने फ्लड कंट्रोल आर्डर भी तैयार किया है।
उफान पर आई यमुना, करनाल, यमुनानगर में अलर्ट
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